भारत के सदियों पुराने खाने में छिपा है ऐसा राज, जिसे जानकर हिल जाएंगे आपके होश
Western Food Hacks: आज की दुनिया में हम कई पश्चिमी खाने के ट्रेंड्स को “नया” और “क्रिएटिव” मानते हैं, लेकिन सच यह है कि इनमें से कई आइडियाज भारत में सदियों पहले से मौजूद थे। हमारे देश की रसोई में ऐसे कई नुस्खे, तकनीकें और रेसिपीज हैं। जो आपको बताएंगे कि यह फूड आइडिया कैसे भारतीय किचन से पश्चिमी दुनिया तक पहुंचा और क्यों
डिटॉक्स वाटर जो आपके चेहरे पर लगा एक अलग निखार(Detox water that brings a different glow to your face)
आजकल डिटॉक्स वॉटर एक बड़ा वेस्टर्न हेल्थ ट्रेंड बन चुका है। इसमें पानी में नींबू, पुदीना, खीरा या फलों के स्लाइस डालकर पिया जाता है। लेकिन भारत में यह कांसेप्ट "नींबू पानी" और "शिकंजी" के रूप में सदियों से मौजूद है।
बची हुई रोटी से बनाये फ्लैटब्रेड पिज़्ज़ा (Make flatbread pizza from leftover roti)
वेस्टर्न "फ्लैटब्रेड पिज़्ज़ा" ट्रेंड में पतली ब्रेड पर सब्जियां, चीज और सॉस डालकर बेक किया जाता है। लेकिन भारत में यह आइडिया पहले से मौजूद था।"रोटी पिज़्ज़ा" या बची हुई रोटी पर सब्जियां और टॉपिंग लगाकर तवे पर पकाना
लस्सी की तरह स्वादिष्ट स्मूदी बाउल (Smoothie Bowl as delicious as Lassi)
आज स्मूदी बाउल्स रंगीन और पोषण से भरपूर दिखते हैं। इनमें दही, फल और नट्स मिलाए जाते हैं। भारत में यह कांसेप्ट "पचड़ी" और "लस्सी" के रूप में पहले से था।
बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए एक परफेक्ट ड्रिंक (A perfect drink to detox the body)
कोम्बुचा एक फर्मेंटेड ड्रिंक है जो पश्चिम में डिटॉक्स ड्रिंक के रूप में फेमस है। लेकिन भारत में फर्मेंटेड ड्रिंक्स जैसे कांजी, जलेरा और घर का बना काढ़ा सदियों से मौजूद हैं।
हल्दी वाला दूध जो हमें प्राकृतिक चमक देता है (Turmeric milk which gives us natural glow)
आज "गोल्डन मिल्क" को वेस्टर्न सुपरफूड ड्रिंक कहा जाता है, लेकिन भारत में हल्दी वाला दूध दादी-नानी का पुराना नुस्खा है। चोट, सर्दी या थकान में हल्दी वाला दूध पीना सामान्य बात है।
ग्रीन ड्रिंक हेल्थ को अच्छा करने के लिए एकदम परफेक्ट (Green drink is perfect for improving health)
आज ग्रीन स्मूदी हेल्थ-फिटनेस ट्रेंड में है, लेकिन भारत में पत्तेदार साग जैसे पालक, मेथी, चौलाई का प्रयोग शाक, सूप और रायते में सदियों से होता आया है।
Disclaimer
प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.