क्या है सावन में हरी चूड़ियां पहनने के पीछे की वजह? श्रृंगार का ही नहीं बल्कि आस्था का भी प्रतीक
आजकल सावन का महीना चल रहा है इस महीने में बारिश तो होती है साथ- साथ हरियाली भी होती है और यह महीना आस्था का भी प्रतीक माना जाता है इस महीने में महिलाएं काफी अच्छे से तैयार होती है। एक चीज हर महिला के अंदर आम होती है वह होती है हरी चूड़ियां क्या आपको पता है कि हरी चूड़ियां सिर्फ श्रृंगार के लिए ही नहीं बल्कि इसके पीछे कई सारी रीज़न छुपे हुए हैं।
हरे रंग का होता है अलग महत्व
सावन में हरा रंग समृद्धि और हरियाली और न्यू एनर्जी का प्रतीक माना जाता है महिलाएं हरी चूड़ियां पहनकर पॉजिटिव एनर्जी को अपनी लाइफ में इनवाइट करती हैं।
पति की लंबी उम्र के लिए हरी चूड़ियां
हिंदू रिलिजन में ऐसा माना जाता है कि हरी चूड़ियां पहनना सुहाग की निशानी होती है सब अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती है।
भगवान शिव और माता पार्वती का पसंदीदा रंग है हरा
शास्त्रों में ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव और पार्वती को हरा रंग काफी ज्यादा पसंद है और सावन के महीने में शिव पार्वती की ही पूजा की जाती है इसलिए महिलाएं हरी चूड़ियां पहनती हैं।
सवान को कहते हैं श्रृंगार का महीना
शाम के महीने को श्रृंगार का महीना भी कहा जाता है इसीलिए इस महीने में महिलाएं बिंदी, मेहंदी और हरी चूड़ियां पहन कर खुद को खूबसूरत तरीके से सजाती हैं।
हरी चूड़ियां देती है मन को ठंडक
हरी चूड़ियां सिर्फ देखने में ही खूबसूरत नहीं होती है बल्कि वह हमारे मन को भी शांति देती हैं सावन का महीना एक ऐसा महीना होता है जिसमें गर्मी काफी ज्यादा होती है और हरी चूड़ियां पहनने से हम मेंटली रूप से शांत रहते हैं।
यंग लड़कियां भी करती है मनोकामना पूरी करने के लिए प्रार्थना
सावन के समय केवल शादीशुदा लड़कियां ही हरी चूड़ियां नहीं पहनती है बल्कि कुंवारी लड़कियां भी चूड़ियां पहनती है या ऐसा माना जाता है कि उनका ऐसा करने के पीछे का कारण एक अच्छा जीवन साथी ढूंढने की मनोकामना करना होता है।
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