Vastu Tips: हवन कुंड की दिशा तय करती है आपके जीवन का सुख-दुख! जानिए कौन सी दिशा है शुभ और कौन सी अशुभ
Vastu Tips: भारतीय संस्कृति में हवन का एक पौराणिक महत्व है मान्यता है कि किसी भी पूजा पाठ के समाप्ति के बाद हवन करना बहुत ही फलदायक होता है और ऐसा करने से हमारे आसपास की सारी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है आईए जानते हैं हवन कुंड के बारे में कुछ नियम…
हवन कुंड
यह केवल हवन के लिए ही प्रयोग नहीं किया जाता बल्कि इससे अग्नि से देवी देवताओं का आवाहन किया जाता है और यह हमारे वातावरण को भी शुद्ध करता हैं, हवन में उपयोग की जाने वाली सामग्री बहुत ही शुद्ध होती है।
वास्तु शास्त्र
वास्तु शास्त्र के अनुसार हवन करने से वातावरण शुद्ध होता है और देवी देवताओं की भी कृपा प्राप्त होती है ,वही हवन कुंड में वायु देव, अग्नि देव और आकाश तत्व का संयोग होता है।
कहां रखें हवन कुंड
अक्सर हम हवन करने के बाद हवन कुंड को कहीं भी रख देते हैं जो की नकारात्मक फल देता है, हमें पूजा करने के बाद हवन कुंड को उत्तर पूर्व की दिशा में रखना चाहिए यह सबसे शुभ स्थान माना जाता है।
घर के आंगन में रखें
हवन कुंड को हमें कभी भी किसी बंद कमरे में नहीं रखना चाहिए, इसे या तो खुले स्थान या छत के कोने पर रखना चाहिए।
हवन कुंड की सफाई
हमें पुजा के बाद हमें हवन कुंड को पूरी तरह साफ कर देना चाहिए क्योंकि ऐसे रखने से वह वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है।
दोबारा कैसे उपयोग करें
हवन कुंड को दोबारा उपयोग करने से पहले उसे गंगाजल या किसी साफ कपड़े से अच्छी तरह साफ कर लें और फिर उत्तर दिशा में रखें तब उपयोग करें
Disclaimer
प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.