जानिए कश्मीर के पूर्व राज्यपाल Satyapal Malik के बारे में, कौन है उनकी बीवी, जो मानती हैं ये धर्म
सत्यपाल मलिक एक भारतीय राजनीतिज्ञ और प्रशंसक रहे, जिन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। वे जम्मू-कश्मीर के अंतिम राज्यपाल बने और उनके कार्यकाल में ही धारा 370 हटाई गई। वे कई बार मोदी सरकार की नीतियों के मुखर आलोचक भी रहे। Satyapal Malik की पत्नी इकबाल मलिक कृषि क्षेत्र से जुड़ी हैं, इनका राजनीतिक जीवन हमेशा चर्चा में रहा आज 5 अगस्त 2025 को लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हुआ। आइए जानते हैं उनके जीवन के बारें में ।
सत्यपाल मलिक का शुरुआती जीवन
सत्यपाल मलिक का जन्म 24 जुलाई 1946 को उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के हिसावड़ा गांव में एक जाट परिवार में हुआ। उन्होंने मेरठ कॉलेज से B.Sc. और फिर LLB की पढ़ाई पूरी की। वे विद्यार्थी जीवन में ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे और मेरठ कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष भी बनें थें।
पत्नी और पारिवारिक जीवन
सत्यपाल मलिक की पत्नी का नाम इकबाल मलिक है। वे कृषि कार्यों से जुड़ी हुई हैं। सत्यपाल मलिक पारिवारिक रूप से हिंदू हैं, परंतु उनकी पत्नी मुस्लिम परिवार से थीं। हालांकि, दोनों ने धर्म को कभी विवाद का कारण नहीं बनने दिया। उनका पारिवारिक जीवन मीडिया से दूर और शांतिपूर्ण रहा।
राजनीतिक शुरुआत
Satyapal Malik नें राजनीति की शुरुआत 1968–69 में छात्रसंघ से की। 1974 में वे पहली बार बागपत से विधायक बने। शुरुआत में वे भारतीय क्रांति दल, फिर लोकदल और जनता दल से जुड़े रहे। वे हमेशा जमीनी राजनीति से जुड़े रहे।
सांसद और भाजपा में प्रवेश
1980 में वे राज्यसभा के सदस्य बने और 1989 में लोकसभा पहुंचे। 2004 में वे भाजपा में शामिल हुए और 2012 में पार्टी के उपाध्यक्ष बनाए गए। पार्टी में वे लंबे समय तक नीतिगत भूमिका में रहे, खासकर किसान और पिछड़े वर्गों के मामलों पर।
राज्यपाल के तौर पर कार्यकाल
Satyapal Malik नें बिहार, ओडिशा (अस्थायी रूप से), जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय जैसे राज्यों में राज्यपाल पद संभाला। 2018–19 में वे जम्मू-कश्मीर के अंतिम राज्यपाल रहे, जब वहां अनुच्छेद 370 हटाया गया और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किया गया।
अनुच्छेद 370 और ऐतिहासिक फैसला
अगस्त 2019 में जब भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने का ऐलान किया, उस समय सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) ही जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे। यह भारतीय संविधान और कश्मीर राजनीति के इतिहास में सबसे बड़ा फैसला था, जिसे उन्होंने निष्पक्ष तरीके से लागू करवाया।
मृत्यु और अंतिम सम्मान
किडनी की बीमारी के कारण सत्यपाल मलिक मई 2025 से राम मनोहर लोहिया अस्पताल, दिल्ली में भर्ती रहे। इलाज के दौरान 5 अगस्त 2025 को उनका निधन हो गया। वे 79 वर्ष के थे। देशभर के राजनेताओं ने उनके निधन पर शोक