मां लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने का आसान तरीका: इन 5 पेड़-पौधों पर लाल या काला कलावा बांधें और देखें घर में खुशहाली और समृद्धि की बहार
Astro Tips 2025: कलावा बांधना केवल कलाई तक सीमित नहीं है, बल्कि हिंदू धर्म में पेड़-पौधों में कलावा बांधने का भी विशेष महत्व है। तुलसी, बरगद, शमी, पीपल और केले के पेड़ में कलावा बांधने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं और मां लक्ष्मी की कृपा घर में आती है। तुलसी के पौधे में कलावा बांधने से विपत्ति टलती है और लक्ष्मी का वास होता है, जबकि बरगद में कलावा बांधने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है। आइए जानतें हैं इसके बारे में…
कलावा बांधने का महत्व
हिंदू धर्म में कलावा का विशेष महत्व है। जब किसी व्यक्ति की कलाई पर लाल या काला कलावा बांधा जाता है, तो मान्यता है कि यह एक सुरक्षा कवच का काम करता है। यह कवच नकारात्मक ऊर्जा, बुरी नजर और दुर्भाग्य को व्यक्ति तक पहुंचने से रोकता है।
तुलसी के पौधे में कलावा बांधने के फायदे
तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। इसे तुलसी माता की तरह पूजा जाता है और जल अर्पित किया जाता है। मान्यता है कि अगर तुलसी के पौधे के सामने दीपक जलाकर उसमें लाल या काला कलावा बांधा जाए, तो तुलसी मैया घर में लक्ष्मी जी की कृपा बनाए रखती हैं।
बरगद के पेड़ में कलावा बांधने के फायदे
बरगद का पेड़ शास्त्रों में पूजनीय माना गया है। वट सावित्री व्रत में महिलाएं इस पेड़ की पूजा करती हैं और कलावा बांधकर अपने सुहाग की रक्षा और परिवार की लंबी उम्र की कामना करती हैं। मान्यता है कि बरगद के पेड़ में कलावा बांधने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है ।
शमी के पेड़ में कलावा बांधने के फायदे
शमी का पेड़ भगवान शिव को अत्यंत प्रिय माना गया है। शमी के पेड़ की पूजा करने और उसमें कलावा बांधने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। इससे शनि के दोष से मुक्ति मिलती है ।
पीपल के पेड़ में कलावा बांधने के फायदे
पीपल के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और शिव का वास माना गया है। मंगलवार और शुक्रवार को पीपल की पूजा करने और उसमें कलावा बांधने से पितृदोष दूर होता है। घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और हनुमान जी एवं लक्ष्मी माता की कृपा बनी रहती है।
केले के पेड़ में कलावा बांधने के फायदे
केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास माना गया है। गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा और उसमें लाल या काला कलावा बांधने से बृहस्पति देव प्रसन्न होते हैं।
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