Income Tax की रडार पर हैं आप! अगर आप भी कर रहे हैं ये 5 गलतियां? नोटिस आने से पहले जान लें
क्या आप सोचते हैं कि आपका ITR फाइलिंग रिकॉर्ड साफ़ है, इसलिए आप पूरी तरह सुरक्षित हैं? दोबारा सोचिए! इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अब पुराने तरीकों से काम नहीं करता। आज, हर टैक्सपेयर की हर वित्तीय डिटेल जटिल एल्गोरिदम के रडार पर है. आपका PAN ही वह कड़ी है जो आपके बैंक बैलेंस, जमा-निकासी और ख़र्चों को आपके घोषित इनकम से जोड़ती है। यह सिस्टम आपके वित्तीय व्यवहार में ज़रा सी भी विसंगति को पकड़ लेता है. हमेशा ऐसा नहीं होता कि आपको कोई बड़ा घोटाला करना पड़े; कभी-कभी अनजाने में की गई आदतें भी आपको संदेह के दायरे में ला देती हैं. जैसे अचानक बड़ी जमा राशि, या घोषित इनकम से ज़्यादा खर्च। अगर आपके वित्तीय डिटेल्स में बड़ा बेमेल है, तो आप 100% रडार पर हैं.
क्या आप जानते हैं कि वे कौन सी 5 प्रमुख आदतें हैं जो आपको इनकम टैक्स नोटिस के सबसे नज़दीक ले जा सकती हैं? आइए जानते हैं!
1. बैंक खातों में अचानक बड़ी जमा राशि और निकासी (Sudden Large Deposits and Withdrawals)
यह सबसे शुरुआती और प्रमुख संकेतों में से एक है. यदि आपका वित्तीय व्यवहार (जैसे मासिक जमा और निकासी) आपके घोषित इनकम लेवल के अनुरूप है, तो कोई समस्या नहीं है. लेकिन, जब आपके बैंक खाते में आपके सामान्य पैटर्न से हटकर अचानक और बड़ी राशि जमा होती है या निकाली जाती है, तो सिस्टम उसे तुरंत फ़्लैग कर देता है. अगर आप इस उच्च-मूल्य वाले लेन-देन का सही, तार्किक और ट्रेस किया जा सकने वाला सोर्स (जैसे कि मैच्योरिटी, उपहार, या पूंजी बिक्री) ITR में घोषित नहीं करते हैं, तो आप जांच के दायरे में आ सकते हैं.
2. घोषित इनकम के मुकाबले ज़्यादा खर्च करना (Overspending vs. Declared Income)
जब किसी टैक्सपेयर का बाहरी फाइनेंशियल व्यवहार (जीवनशैली और खर्च) उसके घोषित ITR में दिखाए गए इनकम स्टेटस से मेल नहीं खाता है, तो एल्गोरिदम विसंगति पकड़ लेते हैं. उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति कम इनकम घोषित कर रहा है लेकिन लगातार उच्च-मूल्य की खरीदारी (जैसे महंगी कार, लक्ज़री यात्राएँ, या अचल संपत्ति) कर रहा है, तो यह स्पष्ट संकेत है कि उसकी घोषित इनकम उसकी वास्तविक क्रय शक्ति को नहीं दर्शाती है. यह बेमेल टैक्स अधिकारी का ध्यान आकर्षित करता है.
3. ITR में घोषित इनकम और बैंक खाते के बैलेंस/जमा में बड़ा अंतर (Discrepancy in Income vs. Bank Activity)
यह स्थिति मिस्टर ए के उदाहरण से सबसे अच्छी तरह समझी जा सकती है. यदि पिछले कुछ वर्षों की कुल घोषित इनकम आपके बैंक खातों में जमा की गई कुल राशि (या वर्तमान बैलेंस) से काफी कम है, तो डिपार्टमेंट को संदेह होगा. यदि आप अपनी इनकम से अधिक राशि बैंक में जमा कर रहे हैं, तो सिस्टम यह मान लेता है कि बाकी की राशि अघोषित है. यह दिखाता है कि आपने अपनी 100% इनकम की घोषणा नहीं की है, जो सीधे आपको जांच के रडार पर लाता है.
4. इनकम टैक्स स्टेटस में बिना बदलाव के वित्तीय व्यवहार में अचानक परिवर्तन (Sudden Change in Financial Behavior)
आपका फाइनेंशियल व्यवहार (जैसे क्रेडिट व्यवहार आपके क्रेडिट स्कोर को तय करता है) आपके टैक्स स्टेटस को दर्शाता है. यदि आपकी घोषित इनकम समान बनी रहती है, लेकिन आपके लेन-देन की आवृत्ति या राशि में अचानक बड़ा उछाल आता है, तो यह असामान्य माना जाता है. इस तरह का अचानक परिवर्तन (जैसे एक बड़ा इन्वेस्टमेंट करना या असामान्य रूप से बड़ी नकदी का उपयोग करना) यह संकेत दे सकता है कि आपके वास्तविक वित्तीय संसाधन आपके घोषित टैक्स स्टेटस से भिन्न हैं, जिससे आप रडार पर आ जाते हैं.
5. हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शन का पता न लगा पाना (Failure to Trace High-Value Transactions)
आज, PAN के माध्यम से, डिपार्टमेंट के पास आपके सभी बड़े फाइनेंशियल लेन-देन (जैसे प्रॉपर्टी खरीद/बिक्री, म्यूचुअल फंड, FD, और क्रेडिट कार्ड खर्च) का डेटा होता है. यदि आप कोई उच्च-मूल्य वाला लेन-देन करते हैं और ITR दाखिल करते समय उस लेन-देन के सोर्स ऑफ फंड्स को सही ढंग से घोषित करने या उसका तार्किक स्पष्टीकरण देने में विफल रहते हैं, तो यह विसंगति को जन्म देता है. जब सिस्टम बैंक जमा और घोषित इनकम के बीच कड़ी को ट्रेस नहीं कर पाता, तो वह उस लेन-देन को फ़्लैग कर देता है.