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धार्मिक मान्यता के अनुसार, मंदिर से वापस आने के बाद हमें क्यों नहीं धोने चाहिए हाथ-पैर?

दरअसल सनातन धर्म में मंदिर को ऊर्जा का केंद्र माना गया है, जहां भक्त ईश्वर की कृपा और सकारात्मक शक्ति प्राप्त करते हैं.

बता दें कि मंदिर से लौटते समय व्यक्ति के शरीर और मन पर आध्यात्मिक स्पंदन का प्रभाव रहता है.

मान्यता है कि मंदिर से लौटकर तुरंत ही हाथ-पैर धो लेने से ये पवित्र ऊर्जा इसी वक्त समाप्त हो जाती है.

वास्तुशास्त्र के अनुसार, मंदिर से आने के बाद हाथ-पैर धो लेना काफी अशुभ माना जाता है.

मंदिर से लौटकर तुरंत हाथ-पैर धोने से पूजा-पाठ का फल कम हो जाता है और ईश्वर की कृपा टिक नहीं पाती है.

वहीं ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि मंदिर से लौटकर हाथ-पैर धोना ग्रहों की स्थिति को कमजोर कर सकता है.

बता दें कि परंपरा ये भी बताती है कि मंदिर से लौटने के बाद कुछ समय तक उसी पवित्र अवस्था में रहना चाहिए.

ऐसे में हाथ-पैर धो लेने से शरीर पर लगी प्रसाद की ऊर्जा और मंदिर का आशीर्वाद धुल जाता है.

बस इसलिए कहा जाता है कि मंदिर से लौटकर पहले आराम से बैठें, ध्यान करें या प्रसाद ग्रहण करें.

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