July 27, 2024
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Report: भारत ने 2023 में सेना और हथियार पर खर्च किए 83.6 अरब डॉलर, इस मामले में विश्व का चौथा सबसे बड़ा देश

  • WRITTEN BY: Shiwani Mishra
  • LAST UPDATED : April 23, 2024, 9:45 am IST

नई दिल्ली : सेना और हथियारों पर खर्च करने के मामले में भारत चौथा सबसे बड़ा देश है. बता दें कि कुल 10 देशों ने सैन्य हथियारों पर काफी पैसा खर्च किया है. यहां अमेरिका सबसे आगे है. ये खुलासा स्वीडिश स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) ने सोमवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में किया कि दुनिया भर के देश अब बंदूकों, गोला-बारूद और अन्य सैन्य उपकरणों पर पहले से कहीं ज्यादा पैसा खर्च कर रहे हैं.

बता दें कि साल 2023 में सैन्य खर्च 2022 के मुकाबले 6.8 फीसदी बढ़कर 24.4 खरब डॉलर पर पहुंच गया है, जबकि 2022 में ये 22.4 खरब डॉलर था. दरअसल साल 2009 के बाद ये एक साल में सबसे बड़ी वृद्धि और लगातार 9वां साल है जब खर्च बढ़ा है. इस वृद्धि में जिन दस देशों का योगदान सबसे ज्यादा है, उनके सैन्य खर्च में बेतहाशा वृद्धि हुई है.

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इस मामले में विश्व का चौथा सबसे बड़ा देश

सबसे ज्यादा सैन्य खर्च वाले देशों की सूची में अमेरिका अब भी शीर्ष पर है. अमेरिका 2023 में रक्षा पर 916 अरब डॉलर खर्च किया, जो कुल वैश्विक खर्च का 37% से अधिक है. दरअसल दूसरे स्थान पर चीन है, जिसका ख़र्च अमेरिका का क़रीब एक तिहाई है. इसने 296 अरब डॉलर खर्च किया है, जो कुल खर्च का 12% है. ये 2022 के मुकाबले 6% ज्यादा है. कुल खर्च का आधा हिस्सा इन दोनों देशों का रहा है.

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दरअसल चौथा सबसे बड़ा सैन्य खर्च करने वाला देश भारत है, जिसने 83.6 अरब डॉलर खर्च किया है. ये 2022 के मुकाबले 4.2 फीसदी ज्यादा है. 2022 में सबसे ज्यादा खर्च करने वाले 5 देश 2023 में भी उसी स्थिति में रहेंगे. रूस यहां तीसरे स्थान पर है. इसके बाद भारत और सऊदी अरब का नंबर आता है. दरअसल 2022 की तुलना में 2023 में रूस का खर्च 24 प्रतिशत बढ़कर 109 बिलियन डॉलर हो गया है. ये 2014 में रूस द्वारा क्रीमिया को यूक्रेन से अलग करने की तुलना में 57 प्रतिशत अधिक है. हालांकि रूस अपनी जीडीपी का 5.9 प्रतिशत सेना पर खर्च करता है.

सैन्य खर्चों के बढ़ने के मुख्य कारण

बता दें कि सिपरी के शोधकर्ता लॉरेंजो स्काराजातो ने कहा सैन्य खर्चों के बढ़ने के मुख्य कारकों में से एक तो रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध है. यूक्रेन सैन्य खर्च के मामले में 8वां सबसे बड़ा देश रहा है. उसका खर्च 51 फीसदी बढ़कर 64.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो उसकी कुल जीडीपी का 37 फीसदी है. सैन्य खर्च में सबसे बड़ी वृद्धि डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में देखी गई, जहां सरकार और विद्रोहियों के बीच युद्ध जारी है. उसका खर्च 105 फीसदी बढ़ा है.

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