AI स्मार्ट वॉटर मीटर ट्रेडिशनल मीटर से ज्यादा एडवांस और बेहतर है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) तकनीक का इस्तेमाल होता है। मीटर में AI एल्गोरिदम खपत के पैटर्न को पहचानता है और लीक या अनियमित खपत का तुरंत पता लगाता है।
कानपुर से ऑनलाइन धोखाधड़ी का सामने आया है, पीड़ित व्यक्ति अपने परपोते के लिए पैन कार्ड बनवाने के लिए ऑनलाइन सर्च कर रहा था। सर्च के दौरान उसे एक कथित कस्टमर केयर नंबर मिला। असली कस्टमर केयर समझकर पीड़ित ने सभी डिटेल्स शेयर कर दी।
टेक कंपनी एप्पल के खिलाफ एक बार फिर मुकदमा दर्ज किया गया है. मुकदमे में भकता, जो साल 2020 से एप्पल के डिजिटल विज्ञापन विभाग में कार्यरत हैं, उसने दावा किया कि कंपनी कर्मचारियों के निजी उपकरणों पर सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करने को बाध्य करती है।
स्मार्टफोन आज के समय में सिर्फ कॉलिंग और मैसेजिंग के लिए ही नहीं, बल्कि फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। बता दें, अक्सर लोग जल्दबाजी में फोन के कैमरे को अपनी उंगलियों से ही साफ कर देते हैं। यह एक सामान्य लेकिन बड़ी गलती है।
बाजार में एक नया और आधुनिक वॉल माउंटेड रूम हीटर चर्चा में है। यह एक ऐसा रूम हीटर है, जिसे दीवार पर स्थायी रूप से फिट किया जा सकता है और यह आपके घर में ज्यादा जगह भी नहीं घेरेगा।
ऑस्ट्रेलिया ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल को लेकर बड़ा कदम उठाया है। नए कानून के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एज-वेरिफिकेशन सिस्टम लागू करना होगा। किशोरों का कहना है कि सोशल मीडिया पर बैन लगाना समस्या का समाधान नहीं है.
भारत में ई कॉमर्स मार्केट का बड़ा हिस्सा कवर करने वाली Amazon अब क्विक डिलीवरी मार्केट में उतरने की तैयारी कर रही है। इस नई सर्विस के जरिए कंपनी Blinkit और Zepto जैसी कंपनियों की 10 मिनट की डिलीवरी सेवा को टक्कर देने का लक्ष्य लेकर आ रही है।
इस फर्जी ऐप को डाउनलोड करते ही हैकर्स व्यक्ति के फोन तक पहुंच जाते हैं। वे ओटीपी, बैंक के मैसेज, आधार नंबर, पैन कार्ड और जन्मतिथि जैसी प्राइवेट डिटेल्स को चुरा लेते हैं। इसके बाद वे इन जानकारियों का इस्तेमाल करके UPI के जरिए फोन को पेमेंट रजिस्ट्रेशन में जोड़ लेते हैं और बैंक खाते से पैसे निकाल लेते हैं।
यह अलर्ट विशेष रूप से एप्पल के पुराने सॉफ़्टवेयर वर्जन वाले डिवाइसों के लिए जारी किया गया है। इसमें iPhone, iPad, Mac और Safari जैसे प्रोडक्ट्स शामिल हैं।
इंटरनेट और स्मार्टफोन के बढ़ते उपयोग के साथ-साथ साइबर स्कैम और ऑनलाइन फ्रॉड के खतरे भी बढ़ गए हैं। भारत में टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने हाल ही में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अगस्त में जारी किए गए निर्देश के तहत, TRAI ने इन नियमों को लागू करने की तारीख को कई बार बढ़ाया और अब यह 1 दिसंबर से लागू होगा।