July 27, 2024
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ताइवान पहुंची पेलोसी, थमी दुनिया की साँसे.. अब क्या करेगा चीन?

  • WRITTEN BY: Aanchal Pandey
  • LAST UPDATED : August 2, 2022, 9:21 pm IST

नई दिल्ली, दुनिया की दो सुपरपावर अमेरिका और चीन की सेनाएं ताइवान के मसले पर आमने-सामने आ गई हैं, साउथ चाइना सी दोनों ही महाशक्तियों के बीच जंग का अखाड़ा बनता हुआ नज़र आ रहा है. अमेरिकी संसद की अध्‍यक्ष नैंसी पेलोसी अब चीन पहुँच गई हैं, वहीं चीन ने इसपर कह दिया है कि अमेरिका जुआ खेलकर बहुत बड़ी गलती कर रहा है और अब जो भी होगा उसकी ज़िम्मेदारी अमेरिका ही होगी. वहीं, अब दुनिया में परमाणु युद्ध का खतरा मंडरा रहा है, आइए जानते हैं कि क्‍यों नैंसी पेलोसी की यात्रा को लेकर दुनिया की सांसें थमी हुई हैं….

साल 1997 के बाद नैंसी पेलोसी अमेरिका की सबसे उच्‍च अधिकारी हैं जो ताइवान के दौरे पर पहुंची हैं और यही वजह है कि चीन बुरी तरह से भड़का हुआ है. चीन की सेना ने नैंसी पेलोसी को डराने के लिए ताइवान स्‍ट्रेट में जोरदार युद्धाभ्‍यास शुरू किया था, वहीं उसने इस इलाके में यात्री विमानों के आने-जाने पर भी पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है. एशिया समेत दुनियाभर के शेयर बाजार इस समय अमेरिका-चीन के बीच युद्ध के डर से दहशत में हैं.

अब क्या करेगा ड्रैगन

नैंसी पेलोसी ताइवान दौरे पर पहुँच गई हैं, अब विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की सेना नैंसी पेलोसी की यात्रा का चार तरीके से जवाब दे सकती है.

  • पहला- चीन बहुत बड़ी तादाद में अपने फाइटर जेट को ताइवान के एयर डिफेंस जोन में भेज सकता है और यही वजह है कि चीन ने सभी विमानों की उड़ानों को कैंसिल कर दिया है. इससे पहले चीन ने 4 अक्‍टूबर को अपने 56 फाइटर जेट को एकसाथ ताइवान की सीमा के पास भेजा था, इसी वजह से अमेरिका ने भी अपने परमाणु बम से लैस दो एयरक्राफ्ट कैरियर को ताइवान के पास तैनात कर दिया है.
  • दूसरा- विशेषज्ञों के मुताबिक चीन अपने फाइटर जेट को ताइवान के ऊपर या मेडिअन लाइन के ऊपर उड़ा सकता है, बता दें मेडिअन लाइन एक बफर जोन है जिसे अमेरिका ने 1954 में विकसित किया था ताकि चीन और ताइवान के बीच विवाद को रोका जा सके. वहीं, चीन ने पिछले साल इस सीमा रेखा को मानने से ही मना कर दिया था. चीन ने चेतावनी देने के लिए आज अपने कई विमानों को इस मेडियन लाइन तक उड़ाया है, अब चीन अगर ताइवान के ऊपर अपने फाइटर जेट को उड़ाता है तो यह बहुत बड़ा कदम होगा. चीन के सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स के एडिटर रह चुके हू शिज‍िन का मानना है कि चीनी फाइटर जेट को नैंसी पेलोसी के साथ उड़ान भरना चाहिए और दुनिया को यह दिखाना चाहिए कि ताइवान पर आज भी चीन की ही संप्रभुता है.
  • तीसरा- वहीं तीसरे विकल्‍प के तहत विशेषज्ञों का मानना है कि चीन अपने विशाल युद्धपोत को ताइवान की सीमा के पास तैनात कर सकता है. लेकिन इससे निपटने के लिए इलाके में पहले से ही अमेरिका के दर्जनों युद्धपोत पहले से ही मौजूद हैं. ये जंगी जहाज एफ-35 फाइटर जेट से लैस हैं जो परमाणु हमला करने में पूरी तरह सक्षम हैं.
  • चौथा- चौथे और आखिरी विकल्‍प के तहत ताइवान की सीमा के पास चीन मिसाइल परीक्षण कर सकता है.

बौखलाया चीन

नैंसी पेलोसी का प्लेन ताइपे के एयरपोर्ट पर उतरते ही चीन और बौखला गया. चीन के विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि अमेरिका खतरनाक जुआ खेल रहा है और अब जो होगा उसकी सारी जिम्मेदारी अमेरिका की ही होगी, अमेरिका ने सारे विश्वास तोड़े हैं. चीन की सेना ने ऐलान किया है कि वह 2 अगस्‍त से लेकर 6 अगस्‍त तक युद्धाभ्‍यास करेगी, उधर, दूसरी और ताइवान और अमेरिकी सेना भी जोरदार तैयारी कर चुकी है.

 

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