July 27, 2024
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भारत के खिलाड़ी के नाम सोना ही सोना,नीतू ने ऐसे हासिल की जीत

  • WRITTEN BY: Ayushi Dhyani
  • LAST UPDATED : August 7, 2022, 4:27 pm IST

नई दिल्ली: बॉक्सिंग में भी अब भारत पर मेडल की बरसात हो रही है। रविवार को खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत की Nitu Ghanghas ने इंग्लैंड की बॉक्सर को मात दे दी है, 48 किलोग्राम वाले वर्ग में हरियाणा की इस बॉक्सर ने इतिहास रचा है। सभी जज ने इस मैच में नीतू के हक में फैसला दिया और 5-0 से स्वर्ण पदक भारत के नाम हुआ।

कॉमनवेल्थ गेम्स में नीतू ने भारत के लिए 14वां गोल्ड अपने नाम किया है। नीतू का इंग्लैंड की मुक्केबाज के साथ मुकाबला तीनों ही राउंड में जबरदस्त चला। दोनों के बीच आक्रामकता चरम पर नजर आई लेकिन उस आक्रामकता के साथ जीत के लिए जो संयम चाहिए होता है, वो नीतू के खेल में पूरी तरह से दिया।

तीनों राउंड में बनाया दबदबा

नीतू को पहले राउंड में 5 में से 4 जजों ने 10-10 अंक दिए। ऐसी ही बढ़त उनकी दूसरे और तीसरे राउंड में भी नजर आई। नतीजा ये हुआ कि आखिर में जजों का फैसला भारत की बॉक्सर बेटी नीतू घंघास के हक में रहा।

इससे पहले नीतू ने सेमीफाइनल मैच में कनाडा की प्रियंका ढिल्लों के साथ मुकाबला खेला था। उन्होंने इस मैच के तीसरे राउंड में कनाडाई बॉक्सर पर इतने मुक्के बरसाए थे कि रेफरी को खेल रोककर नीतू को विजेता घोषित कर दिया। इससे पहले क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भी नीतू ने विपक्षी आयरिश बॉक्सर क्लाइड निकोल पर जमकर मुक्के बरसाए थे कि दूसरे राउंड के बाद ही उन्हें विनर घोषित कर दिया गया था।

बता दें कि 21 साल की नीतू पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा रही है। वह भारतीय लीजेंड बॉक्सर मैरीकॉम की वैट कैटगरी में खेलती हैं। नीतू हरियाणा के भिवानी जिले के धनाना गांव से हैं। वह रोजाना अपने गांव से 20 किमी दूर धनाना स्थित बॉक्सिंग क्लब में ट्रेनिंग के लिए जाती थी। नीतू को बॉक्सर बनाने के लिए उनके पिता ने अपनी नौकरी को दांव पर लगा दिया था।

 

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