नई दिल्ली, पाकिस्तान की नैशनल असेम्ब्ली को जिस तरह से भंग किया गया और डिप्टी स्पीकर ने अपना फैसला सुनाया, उसपर सभी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतज़ार था. अब सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ तौर पर डिप्टी स्पीकर के फैसले को असंवैधानिक बता दिया है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि नैशनल असेम्ब्ली को भंग करना और इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को रद्द करना पूरी तरह असंवैधानिक है.
पाकिस्तान में संसद भंग के मसले पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पूरी हो चुकी है, मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने कहा कि इफ्तार के बाद सुप्रीम कोर्ट थोड़ी देर में अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के डिप्टी स्पीकर के फैसले पर अपना फैसला सुनाते हुए इसे गैर संवैधानिक बता दिया है. बता दें कोर्ट के फैसले से पहले इमरान खान ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा, वह उन्हें और उनकी पार्टी को स्वीकार होगा. फैसला सुनाने से पहले चीफ जस्टिस ने चुनाव आयोग के अधिकारियों को तलब भी किया, जिसके बाद चुनाव आयोग के सचिव कानूनी टीम के साथ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. चुनाव आयोग ने इस दौरान कहा कि तुरंत चुनाव करवाना संभव नहीं है.
अब 9 अप्रैल को नेशनल असेंबली में इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी. यानी इमरान खान को अब अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना ही पड़ेगा. इस फैसले पर पीटीआई के नेता ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. हम अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ठीक पहले संयुक्त विपक्ष ने एक बैठक बुला ली थी, खबरों की मानें तो बैठक शाम साढ़े सात बजे पीएमएल-एन अध्यक्ष के आवास पर हुई, इस बैठक में बिलावल भुट्टो, आसिफ जरदारी और मौलाना फजलुर रहमान को शामिल होने का न्योता भी भेजा गया था. बताया जा रहा है कि पीएमएल-एन अध्यक्ष के आवास पर ही विपक्षी नेता सुप्रीम कोर्ट का फैसला एक साथ सुनेंगे, और फैसले के मुताबिक ही आगे की रणनीति तैयार करने वाले हैं.