July 27, 2024
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श्रीलंका संकट: प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सेना का एक्शन शुरू, राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर से हटाए गए सभी टेंट

  • WRITTEN BY: Vaibhav Mishra
  • LAST UPDATED : July 22, 2022, 2:02 pm IST

श्रीलंका संकट:

नई दिल्ली। गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका में कई दिनों से सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी है। महंगाई से परेशान जनता राजधानी कोलंबो के सड़कों पर डटी हुई है। भारी विरोध और उग्र प्रदर्शन ने पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया। जिसके बाद अब रानिल विक्रमसिंघे को श्रीलंका के नए राष्ट्रपति बन गए है। लेकिन अभी भी विरोध-प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। लोग राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के खिलाफ सड़कों पर उतरे है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि वो राजपक्षे परिवार के करीबी हैं। इसी बीच अब प्रदर्शनकारियों पर सेना का सख्त एक्शन शुरू हो चुका है।

खदेड़े गए प्रदर्शनकारी

सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर पिछले कई दिनों से डटे हुए थे। उन्हें अब वहां से खदेड़ने का काम शुरू हो चुका है। श्रीलंकाई मीडिया के अनुसार रानिल विक्रमसिंघे ने हिंसा और उग्र प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ सेना को सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

सभी टेंट हटाए गए

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार यानि आज राष्ट्रपति सचिवालय को घेरने का प्लान बनाया था। लेकिन इससे पहले ही श्रीलंका की सेना ने उनके खिलाफ एक्शन शुरू कर दिया। सचिवालय के बाहर मौजूद प्रदर्शनकारियों के सभी अस्थायी टेंटों को उखाड़ दिया गया है।

दिनेश गुणावर्धने बने नए प्रधानमंत्री

बता दें कि श्रीलंका को अब राष्ट्रपति के बाद नया प्रधानमंत्री भी मिल गया है। वरिष्ठ नेता दिनेश गुणवर्धने ने आज श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली है। उन्हें राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने शपथ दिलाई है।

राजपक्षे परिवार के है करीबी

दिनेश गुणवर्धने को श्रीलंका की राजनीति में बेहद ताकतवर माने जाने वाले राजपक्षे परिवार का बेहद करीबी माना जाता है। वे राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के कार्यकाल के दौरान देश के गृह मंत्री भी रह चुके है। इसके साथ ही वो विदेश मंत्री और शिक्षा मंत्री के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

विक्रमसिंघे के हाथ में देश की कमान

गौरतलब है कि इससे पहले गुरूवार को श्रीलंका के नए राष्ट्रपति के रूप में रानिल विक्रमसिंघे ने शपथ ले ली। उन्होंने एक सादे कार्यक्रम में पद और गोपनीयता की शपथ ली। उनके राष्ट्रापति के चुनाव जीतने के बाद अब राजधानी कोलंबो में प्रदर्शनकारी फिर से सड़क पर उतर गए है।

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