July 27, 2024
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भाजपा के रंग में सांसद रमेश बिधूड़ी ने डाला भंग, अपने एमपी पर पार्टी कर सकती है कड़ी कार्रवाई

  • WRITTEN BY: Riya Kumari
  • LAST UPDATED : September 22, 2023, 10:37 pm IST

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के लिए संसद का विशेष सत्र काफी ख़ास रहा जहां महिला आरक्षण बिल को लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पास कर दिया गया. इस बिल के पास होते ही भाजपा के नाम इतिहास लिख गया क्योंकि ये नई संसद में पेश होने वाला पहला बिल था. साथ ही साथ इस बिल को लेकर पिछले 27 सालों से पेंच अटका हुआ था. हालांकि अभी भी इस बिल पर सियासी बवाल ख़त्म नहीं हुआ है लेकिन ये समय भारतीय जनता पार्टी के लिए किसी जश्न से कम नहीं है. हालांकि बीजेपी के इस रंग में कुछ ही समय बाद भंग डालने उन्हीं की पार्टी से सांसद रमेश बिधूड़ी आ गए. भाजपा सांसद द्वारा गुरुवार को संसद में दिए गए विवादित बयान पर सियासत गरमा गई.

लोकसभा स्पीकर को लिखा पत्र

शुक्रवार के दिन देश में दो तरह के नज़ारे देखने को मिले. जहां एक ओर भाजपा कार्यालय के बाहर महिलाएं और भारतीय जनता पार्टी की महिला सांसद जश्न मना रही थीं तो दूसरी ओर भाजपा के सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा की गई असंसदीय टिप्पणी पर सियासी बवाल खड़ा हो गया. गुरुवार को संसद के विशेष सत्र के दौरान बिधूड़ी ने बसपा के सांसद दानिश अली के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया. चंद्रयान 3 को लेकर जब संसद में बातचीत चल रही थी उस समय उन्होंने ये आपत्तिजनक टिप्पणी की. हालांकि इस टिप्पणी के बाद रमेश बिधूड़ी चौतरफा घिर गए हैं. विपक्ष के तमाम दलों और बसपा सांसद ने उनके खिलाफ लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखा है.

भाजपा करेगी कार्रवाई

इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने सांसद को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है. इससे पहले लोकसभा स्पीकर ने भी संसद में इस तरह की भाषा का इस्तेमाल किए जाने पर नाराज़गी जताई थी. अब जेपी नड्डा के निर्देश पर भारतीय जनता पार्टी ने बिधूड़ी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया है जिसका जवाब उन्हें अगले 15 दिनों के भीतर देना है. इससे पहले बसपा सांसद दानिश अली ने लोकसभा स्पीकर को बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी के खिलाफ विशेषाधिकार नोटिस दिया था और इस मामले को विशेषाधिकार समिति के पास जांच के लिए भेजने का अनुरोध किया था.

 

कहा तो ये भी जा रहा है कि यदि 15 दिनों के भीतर बिधूड़ी कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं देते हैं तो पार्टी उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई कर सकती है. ऐसा भी हो सकता है कि उनकी संसदीय सदस्यता चली जाए. इतना ही नहीं उन्हें बर्खास्त भी किया जा सकता है. देखने वाली बात ये है कि भारतीय जनता पार्टी ने अगले साल होने जा रहे आम चुनावों से पहले महिला आरक्षण बिल पेश कर बड़ा इतिहास रच दिया था. हालांकि इस दौरान किसी ने अपेक्षा नहीं की थी कि बिधूड़ी केंद्र सरकार के किए कराए पर पानी फेर देंगे.

 

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