July 27, 2024
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22 जनवरी का दिन ऐतिहासिक… जो इतिहास नहीं पहचानते, वो अपना वजूद खो देते हैं- संसद में बोले शाह

  • WRITTEN BY: Vaibhav Mishra
  • LAST UPDATED : February 10, 2024, 5:04 pm IST

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का आज आखिरी दिन है. इस बीच सुबह 11 बजे लोकसभा में राम मंदिर निर्माण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई. इस दौरान दोपहर 2:30 बजे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा को संबोधित किया. उन्होंने 30 मिनट तक अपनी बात रखी. इस दौरान शाह ने कहा कि 22 जनवरी का दिन 10 सहस्त्र सालों के लिए ऐतिहासिक दिन था. गृह मंत्री ने कहा कि सबको ये समझना चाहिए. जो इतिहास को नहीं पहचानते हैं, वो फिर अपना वजूद खो देते हैं.

राम जनमानस का प्राण हैं

केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि 22 जनवरी करोड़ों राम भक्तों की आशा, आकांक्षा और सिद्धि का दिन है. ये दिन पूरे भारत की आध्यात्मिक चेतना के पुनर्जागरण का दिन है. ये महान भारत की यात्रा की शुरुआत का दिन है. शाह ने कहा कि ये मां भारती को विश्व गुरू की राह पर ले जाने वाला दिन है. राम और राम चरित्र के बिना हम देश की कल्पना कर ही नहीं सकते हैं. जो लोग इस देश को देखना और इसे जीना चाहते हैं, उनके लिए राम का चरित्र जानना जरूरी है. राम समस्त जनमानस का प्राण हैं.

राम पूरी दुनिया के लिए हैं

शाह ने आगे कहा कि हम सभी उन सौभाग्यशाली लोगों में शामिल हैं, जो 1528 से राम मंदिर को बनते हुए देखना चाहते थे. करोड़ों लोगों ने इसके लिए आंदोलन किया और शहीद हुए. हम बहुत सौभाग्यशाली हैं, हमने राम मंदिर बनते हुए देखा है. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश और रामायण को अलग करके देखा नहीं जा सकता है. संविधान के पहले पन्ने से लेकर महात्मा गांधी जी के आदर्श भारत की कल्पना में भी राम राज्य का नाम दिया गया. राम सिर्फ व्यक्ति नहीं, बल्कि प्रतीक हैं कि करोड़ों लोगों को आदर्श जीवन कैसे जीना चाहिए. उन्होंने कहा कि राम का राज्य धर्म-संप्रदाय के लिए नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया के देशों के लिए है.

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