जयपुर: राजस्थान के कोटा में सुसाइड के एक और मामले ने टेंशन बढ़ा दी है. सोमवार को शहर के बोरखेड़ा थाना क्षेत्र की रहने वाली 19 वर्षीय निहारिका ने कमरे में फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली. वहीं सुसाइड के बाद परिजन एमबीएस अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने चेक कर उसे मृत घोषित कर दिया।
30 जनवरी को निहारिका का जेईई एडवांस एग्जाम था, लेकिन उसे ऐसा लगा कि वह सफल नहीं हो सकेगी, इसलिए यह कदम उसने उठाया. वहीं परिजनों ने पढ़ाई के डिप्रेशन में आकर अत्महत्या करने की बात कही है. उसके चचेरे भाई विक्रम ने इस संबंध में बताया कि 3 बहनों में निहारिका सबसे बड़ी थी. निहारिका की पिता बैंक में गनमैन की नौकरी करते हैं।
आपको बता दें कि कि कोटा के जिला कलेक्टर सुसाइड रोकने और छात्रों को अच्छा माहौल देने के लिए डिनर विद कलेक्टर के जरिए कोचिंग छात्र को मोटिवेट कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी सुसाइड नहीं रुक रहे।
वहीं भाई विक्रम ने बताया कि 29 जनवरी को पिता सुबह ही ड्यूटी पर चले गए थे और दूसरी मंजिल पर निहारिका अपने रूम में पढ़ाई कर रही थी. निहारिका के चचेरे भाई विक्रम ने बताया कि सुबह दादी ने उसके कमरे का गेट खटखटाया तो निहारिका गेट नहीं खोली और कोई हलचल नहीं हुई. इसके बाद वहां दादी ने चिल्लाकर सबको बुलाया और गेट तोड़ा तो देखा कि निहारिका ने फांसी लगा रखा था. उसके बाद उसे उतारकर वहां से तत्काल एमबीएस अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
वहीं विक्रम ने आगे बताया कि वह पढ़ने में अच्छी थी. पिछली बार 12वीं में कम नंबर उसके आए थे जिसके चलते वह फिर से 12वीं कर रही थी. साथ ही वह जेईई की तैयारी भी कर रही थी और 30 जनवरी को जेईई एडवांस का एग्जाम था. एग्जाम को लेकर वह बहुत परेशान थी और वह ऑनलाइन तैयारी कर रही थी।
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