July 27, 2024
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गोल्ड बॉय जेरेमी बनना चाहते थें बॉक्सर, 10 साल की उम्र से ही उठाना पड़ा था भार

  • WRITTEN BY: Ayushi Dhyani
  • LAST UPDATED : July 31, 2022, 6:21 pm IST

नई दिल्ली, जेरेमी लालरिननुंगा ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में इतिहास रचते हुए भारत को दूसरा स्वर्ण पदक दिला दिया है। मीराबाई चानू के बाद जेरेमी ने वेटलिफ्टिंग में कमाल कर दिखाया है।भारत के इस स्टार खिलाड़ी ने कुल 300 किलो का भार उठाया, वहीं स्नैच में 140 किलो का भार उठाया। जबकि क्लीन एंड जर्क में जेरेमी ने 160 किलो भार उठाया। वो तीसरी कोशिश में 165 किलो उठाना चाहते थे, मगर जेरेमी इसमें चूक गए थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वो एक बॉक्सर बनना चाहते थें।

मुक्केबाज बनना चाहते थें खिलाड़ी

जेरेमी ने सिर्फ छह साल की उम्र में अपने पिता के मार्गदर्शन में एक मुक्केबाज के रूप में अपना प्रशिक्षण शुरू कर दिया था। उनके पिता राष्ट्रीय स्तर के बॉक्सर थे। बाद में उन्होंने भारोत्तोलन में प्रैक्टिस करना शुरू किया। मात्र 10 साल की उम्र में उन्होंने वजन उठाना शुरू कर दिया था। इसके बाद जेरेमी ने विजय शर्मा से प्रशिक्षण लिया और बाद में उन्होंने पुणे के आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग शुरू की। 2016 में, वह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने लगे।

आज भारत को कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में पांचवां पदक मिल चुका है। 19 साल के जेरेमी लालरिनुंगा ने वेटलिफ्टिंग में पांचवां पदक हासिल किया है।जेरेमी लालरिनुंगा ने इतिहास रचते हुए स्वर्ण पदक पर कब्ज़ा कर लिया है। वह बर्मिंघम में गोल्ड मेडल जीतने वाले भारत के पहले पुरुष एथलीट हैं।वेटलिफ्टिंग में जेरेमी लालरिनुंगा का मुकाबला शुरू होने पर उन्होंने स्नैच में अपने पहले प्रयास में 130 किलोग्राम वजन उठाने का फैसला किया। वेटलिफ्टिंग के 67 किग्रा भारवर्ग स्पर्धा में स्नैच राउंड के मुकाबले खत्म हो गए हैं।

भारत के जेरेमी लालरिनुंगा पहले स्थान पर थें। उन्होंने पहले प्रयास में 136 किलो वजन उठाया था। दूसरे प्रयास में जेरेमी ने 140 किलो भार उठाया। तीसरे प्रयास में उन्होंने 143 किलो उठाने की कोशिश की, लेकिन वह नाकाम रहे। इस तरह स्नैच राउंड में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 140 किलो रहा। वह दूसरे स्थान पर नाइजीरिया के इडिडिओंग जोसेफ से 10 किलो आगे थें।

कम उम्र में बनाया था रिकॉर्ड

जेरेमी लालरिनुंगा ने 2018 युवा ओलंपिक में पुरूषों की 62 किग्रा स्पर्धा में 274 किग्रा (124 किग्रा + 150 किग्रा) वजन उठाया था और स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। उस समय उनकी उम्र 15 साल थी। उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 306 किग्रा (140 किग्रा + 166 किग्रा) है। मिजोरम के रहने वाले लालरिनुंगा टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में नाकामयाब रहे थे। अब पेरिस ओलंपिक में उनसे पदक की काफी उम्मीद हैं।

 

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