July 27, 2024
  • होम
  • Twin Tower Demolition: जमींदोज हुआ ट्विन टावर, बगल की इमारतों को नहीं हुआ कोई नुकसान

Twin Tower Demolition: जमींदोज हुआ ट्विन टावर, बगल की इमारतों को नहीं हुआ कोई नुकसान

  • WRITTEN BY: Vaibhav Mishra
  • LAST UPDATED : August 28, 2022, 2:58 pm IST

Twin Tower Demolition:

नई दिल्ली। नोएडा के सेक्टर-93 में स्थित सुपरटेक के ट्विन टावर को आज 3700 किलोग्राम विस्फोटक के जरिए जमींदोज कर दिया गया। बताया जा रहा है कि इस विध्वंस में आस-पास की इमारतों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा हैं। बता दें कि सिर्फ 9 सेकेंड में भ्रष्टाचार की ये इमारत ढह गई।

इमारत गिरते ही उठे धूल के गुबार

दोपहर 2.30 बजे ट्विन टावर को विस्फोट कर ढहा दिया गया। टावर में विस्फोट होते ही चारो तरफ धूल के गुबार उठ गए। इमारत ढहते हुए देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग ट्विन टावर से दूर मौजूद थे।

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी इमारत

बता दें कि ट्विन टावर में दो इमारतें, एपेक्स-32 मंजिला और सेयेन- 29 शामिल हैं। ये एमराल्ड कोर्ट का हिस्सा हैं। निर्माण के दौरान ही दोनों ही दोनों बिल्डिंगो में कई नियमों के उल्लंघन की बात सामने आई थी। जिसके बाद इसे लेकर एक लंबी कानूनी लड़ाई चली। पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ये मामला पहुंचा। इसके बाद आखिरकार इस कानूनी लड़ाई में रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन की जीत हुई। जिसके बाद आज ट्विन टावर को ध्वस्त कर दिया गया।

भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा संदेश

बताया जा रहा है कि ट्विन टावर को गिराकर भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा संदेश दिया गया है। ये बिल्डरों और अधिकारियों के गठजोड़ से खरीददारों के साथ धोखाधड़ी की लंबी कहानी है। कई सालों तक कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद आज ट्विन टावर को ढहा दिया गया।

बिल्डरों-अधिकारियों की मिलीभगत

बता दें कि बिल्डरों और अधिकारियों की मिलीभगत से खून-पसीने की कमाई एक करके अपने आशियाने के लिए पैसा जुटाने वाले कई खरीददारों का सपना टूट गया था। एमराल्‍ड कोर्ट के रिजिडेंट ने 12 सालों तक इस ट्विन टावर को गिराने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आज के दिन यानी 28 अगस्त को ट्विन टावर को गिराने का फैसला सुनाया था। इस ट्विन टावर में एक-एक पैसा जोड़कर सैकड़ों लोगों ने फ्लैट बुक कराए थे।

क्या है भ्रष्टाचार की पूरी कहानी?

गौरतलब है कि इस भ्रष्टाचार की इमारत बनने की कहानी थोड़ी लंबी है। तकरीबन डेढ़ दशक पहले भ्रष्टाचार की इस बिल्डिंग के बनने की कहानी शुरु होती है। नोएडा के सेक्टर 93-A में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट (Emerald Court) के लिए भूमि आवंटन का काम 23 नवंबर 2004 को हुआ था। इस परियोजना के लिए नोएडा प्राधिकरण ने सुपरटेक (Supertech) कंपनी को 84,273 वर्गमीटर भूमि आवंटित की थी। साल 2005 में मार्च के महीने में इसकी लीज डीड हुई थी, लेकिन उस वक्त लैंड की पैमाइश में घोर लापरवाही बरतने का मामला सामने आया। ट्विन टावर्स में 711 लोगों ने फ्लैट बुक कराए थे।

बिहार में अपना CM चाहती है भाजपा, नीतीश कैसे करेंगे सियासी भूचाल का सामना

Tags

विज्ञापन

शॉर्ट वीडियो

विज्ञापन