July 27, 2024
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CEC-EC Bill in Parliament: राज्यसभा में फिर से पेश हुआ CEC-EC की नियुक्ति विधेयक, जानें विस्तार से

  • WRITTEN BY: Manisha Singh
  • LAST UPDATED : December 13, 2023, 2:39 pm IST

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार यानी 12 दिसंबर को राज्यसभा में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति और सेवा शर्तों में बदलाव के लिए विधेयक (CEC-EC Bill in Parliament) एक नए कलेवर में पेश किया है। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने यह विधेयक पेश किया है। बता दें कि यह विधेयक चुनाव आयोग (चुनाव आयुक्तों की सेवा शर्तों और व्यवसाय संचालन) अधिनियम 1991 की जगह लेगा। इस विधेयक में मुख्य चुनाव आयुक्तों और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति, वेतन और उन्हें हटाने के प्रावधान शामिल हैं।

कानून मंत्री ने कही यह बात

विधेयक (CEC-EC Bill in Parliament) को राज्यसभा में पेश करते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि यह कानून इस साल मार्च में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मद्देनजर रखते हुए लाया गया है। बता दें कि विपक्ष ने इस विधेयक का विरोध किया है। कांग्रेस ने इसे संविधान का उल्लंघन करने वाला बिल बताया है। इसके साथ ही कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रस्तावित बिल चुनाव आयोग को कार्यपालिका के अधीन कर देगा।

10 अगस्त को हुआ था पेश

जानकारी हो कि यह विधेयक इस साल 10 अगस्त राज्यसभा में पेश किया गया था। तब इसमें प्रावधान था कि ECs की नियुक्ति प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष का नेता और कैबिनेट मंत्री वाला पैनल करेगा। हालांकि, उस वक्त पैनल में चीफ जस्टिस की जगह कैबिनेट मंत्री को लाने पर जमकर विरोध हुआ था। जिसके के चलते इसे फिर से सदन में पेश किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया यह फैसला

मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2023 में अपना फैसला सुनाया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाले पैनल में प्रधानमंत्री, विपक्ष का नेता और चीफ जस्टिस होना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर लोकसभा में विपक्ष का नेता ना हो तो सबसे बड़े विपक्षी दल का नेता होना चाहिए। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम जैसा सिस्टम होना चाहिए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।

क्या है बिल में?

इस विधेयक के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य आयुक्तों की नियुक्ति के लिए कैबिनेट सचिव के नेतृत्व में एक सर्च कमेटी बनाई जाएगी। यह कमेटी 5 नामों को भेजेगी। इसके साथ ही एक चयन समिति भी बनाई जाएगी, जिसके प्रमुख प्रधानमंत्री होंगे। पीएम के अलावा विपक्ष का नेता (लोकसभा) या सबसे बड़े राजनीतिक दल के व्यक्ति और कैबिनेट मंत्री इस समिति का हिस्सा होंगे। इसके अलावा इस बिल में यह भी प्रावधान है कि यह चयन समिति सर्च कमेटी के अलावा अन्य नामों पर भी विचार कर सकेगी।

कार्यकाल और पुनर्नियुक्ति के नियम

इस बिल (CEC-EC Bill in Parliament) में कार्यकाल और पुनर्नियुक्ति के लिए भी प्रावधान हैं। इसके मुताबिक, चुनाव आयोग के सदस्य 6 साल तक या 65 वर्ष की आयु तक इस पद पर रह सकेंगे। इसके अलावा एक सदस्य को एक ही बार नियुक्ति मिलेगी। वहीं, ईसी सीईसी का कार्यकाल केवल 6 साल के लिए होगा। इसके साथ ही इस विधेयक में सीईसी और ईसी को हटाने के लिए भी प्रावधान किया गया है। जिसके अनुसार, सीईसी को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की तरह हटाया जा सकता है। वहीं, ईसी को सीईसी की सिफारिश करके हटाया जाएगा। सीईसी और अन्य आयुक्तों को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के वेतन के बराबर वेतन दिया जाएगा।

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