July 27, 2024
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अजनाला मामले पर कैप्टन का बयान, पंजाब सरकार नहीं संभाल पा रही तो केंद्र को दे मामला

  • WRITTEN BY: Vikas Rana
  • LAST UPDATED : February 26, 2023, 3:17 pm IST

पंजाब। अजनाला पुलिस थाने में खालिस्तान समर्थकों के द्वारा हुए हिसंक प्रदर्शन का विरोध बढ़ता ही जा रहा है। अब पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस पूरे मामले में भगवंत मान सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। मामले पर कैप्टन ने कहा कि कानून व्यवस्था केंद्र का विषय नहीं है। अगर पंजाब सरकार इसे संभालने में सक्षम नहीं हैं तो भारत सरकार को कार्यभार संभालना होगा। पंजाब में हर दिन ड्रोन पकड़े जा रहे। मुझे लगता है कि अब इस मामले को केंद्र के पास देना चाहिए।

बता दें, इससे पहले भी कैप्टन ने राज्य सरकार को खालिस्तान के मुद्दे पर कार्रवाई करने की जरूरत बताई थी। उन्होंने आशंका जताई थी कि दुबई निवासी अमृतपाल को पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई की शह पर पंजाब में फिर से खालिस्तान का मुद्दा भड़काने के लिए भेजा गया है। कैप्टन ने कहा कि अमृतपाल का परिवार दुबई में रहता है। पंजाब सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए कि अमृतपाल की मंशा क्या है।

भगवंत मान ने क्या कहा ?

पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि,  गुरु श्री ग्रंथ साहिब जी को ढाल बनाकर थाने तक ले जाने वाले किसी भी पक्ष से पंजाब और पंजाबियत के वारिस कहलाने के काबिल नहीं हो सकते है। अजनाला में हुई हरकत को करने वाला पंजाब का वारिस नहीं हो सकता है।

बता दें, भगवंत मान इस समय मुंबई गए हुए है जहां उनसे प्रेस कांफ्रेंस में पंजाब में हुई हिंसा और पुलिस स्टेशन हमले को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि, पंजाब में कानून व्यवस्था नियंत्रण में है और पंजाब पुलिस ऐसे लोगों से निपटने में सक्षम है। पंजाब एक शांतिपूर्ण राज्य है। उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगों ने पंजाब में निवेश करना शुरू कर दिया है। जिन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया है पंजाब पुलिस उन्हें छोड़ेगी नहीं।

जांच कमेटी का किया गया गठन

अमृतपाल की इस हरकत के बाद सिख संगठनों में लगातार आक्रोश देखने को मिल रहा है। आक्रोश को देखते हुए अब श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने एक जांच कमेटी का गठन किया है। यह जांच कमेटी घटना की जांच करने के अलावा इस बात की भी जांच करेगी कि धरना, प्रदर्शनों में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूप को ले जा सकते हैं या नहीं ? जांच कमेटी में सिख संगठन के बुद्धिजीवियों के अलावा सिख स्कॉलरों को भी शामिल किया जाएगा। जांच कमेटी द्वारा सिख परंपराओं और इतिहास को देखते हुए रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जिसे 15 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करनी होगी। इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

गुरु ग्रंथ साहिब का इस्तेमाल गलत

इसके अलावा सिख धर्म गुरुओं ने पवित्र पुस्तक को थाने पर ले जाना गलत बताया इसके अलावा पुलिस द्वारा पानी की बौछार या लाठीचार्ज का सहारा ना लेने की तारीफ की। उन्होंने कहा कि अमृतपाल द्वारा गुरु ग्रंथ साहिब को साथ में ले जाना यह बताता है कि पुलिस की तरफ से किसी तरह की जवाबी कार्रवाई के बाद गुरु ग्रंथ साहिब के जरिए एक नया विवाद खड़ा किया जाए। उनके करीबी सहयोगी की गिरफ्तारी एक व्यक्तिगत लड़ाई थी और गुरु ग्रंथ साहिब को ले जाना बिल्कुल गलत है और सिख धर्म के खिलाफ है।

अमृतपाल मामले पर भगवंत मान का बयान- “पंजाब पुलिस किसी को छोड़ेगी नहीं”

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