लखनऊ। माफिया अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ के प्रयागराज के काल्विन अस्पताल परिसर में चेकअप के लिए जाते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई है। जिस समय अतीक और अशरफ की हत्या हुई, उस समय वो पुलिस कस्टडी में थे, रिपोर्टर की भेष में आए तीन हमलावरों ने माफिया अतीक अहमद और भाई अशरफ पर 18 राउंड से भी ज्यादा फायरिंग करके उनको मौत के घाट उतार दिया। फिलहाल इस हत्या के बाद यूपी सरकार पर सवाल उठना भी शुरू हो गए हैं। इसके अलावा योगी सरकार ने इस हत्याकांड के उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं और पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है।
इस बीच बताया जा रहा है कि अतीक और अशरफ पर गोली चलाने वाले तीनों आरोपियों का पुराना आपराधिक इतिहास भी रहा है। अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि किन हत्याओं और मर्डर में इन आरोपियों पर कहां-कहां मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने ये भी बताया कि वो बड़ा माफिया बनना चाहते हैं इसलिए उन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया है।
आरोपियों ने बताया कि कब तक छोटे मोटे शूटर बने रहेंगे, बड़ा माफिया बनना है इसलिए हत्याकांड को अंजाम दिया है। हालांकि पुलिस अभी तक पूरी तरह से इन अपराधियों के बयानों पर भरोसा नहीं कर रही है क्योंकि तीनों के बयानों में विरोधाभास हैं और फिलहाल पूछताछ जारी है।
बताया जा रहा है कि अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों आरोपी जिस बाइक से हत्या करने के लिए आए थे। उसकी नंबर प्लेट भी फर्जी है। अतीक और अशरफ को मारने के लिए हमलावर जिस बाइक से आए थे। उसका नंबर UP 70M7337 है, Vahan app पर ये नंबर सरदार अब्दुल मन्नान खान के नाम से रजिस्टर बताया जा रहा है। ये नंबर हीरो होंडा की पुरानी गाड़ी CD 100ss बाइक पर दर्ज है, जिसे 3 जुलाई 1998 को खरीदा गया था।
ये नंबर फर्जी है या नहीं फिलहाल इसकी जांच चल रही है। बाइक कहां से लाई गई, क्या इसे चोरी तो नहीं किया गया था, ये सब जांच का विषय है। बता दें, फोरेंसिक टीम के 5 अधिकारी सबूत जुटाने के लिए घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।
बता दें कि अतीक और अशरफ को मारने वाले तीन लोग थे, जो कि रिपोर्टर की भेष में थे। तीनों ही प्रयागराज के रहने वाले नहीं थे। एक आरोपी का नाम लवलेश तिवारी है, जो की यूपी के बांदा का रहने वाला है। वहीं दूसरा आरोपी अरुण मौर्य हमीरपुर और सनी कासगंज का रहने वाला है।