बांग्लादेश में एक बार फिर छात्रों का प्रदर्शन शुरू हो गया है। इस बार हज़ारों छात्रों ने रेलवे ट्रैक पर बैठकर ट्रेनों को चलने से रोक दिया है।
नई दिल्ली। बांग्लादेश में जिस तरह शेख हसीना को हटाया गया, वही स्थिति मोहम्मद यूनुस के सामने भी देखने को मिल रही है। छात्र आंदोलन के चलते बांग्लादेश में फिर से बवाल मचा हुआ है। रविवार को छात्रों ने मोहम्मद यूनुस के आवास पर हमला किया। किसी तरह समझा-बुझाकर उन्हें शांत कराया गया। इसके बाद हजारों छात्र रेलवे ट्रैक पर बैठ गए और उन्होंने कई ट्रेनें रोक दी गईं।
इसके बाद यूनुस की अंतरिम सरकार ने ढाका के मोहाखाली में सेना की चार टुकड़ियां तैनात कर दीं। इसके बाद भी छात्र हटने को तैयार नहीं हैं। ढाका के टिटुमिर कॉलेज के छात्र इसे विश्वविद्यालय का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। सोमवार को ही कॉलेज के छात्रों ने हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि एक बार फिर छात्रों का यह आंदोलन बांग्लादेश में बड़ा रूप लेने वाला है। वहीं, मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार असफल साबित हो रही है।
शेख हसीना को हटाए जाने के बाद भी छात्रों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है। छात्रों का कहना है कि मोहम्मद यूनुस की सरकार भी देश और छात्रों के लिए कुछ नहीं कर रही है। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि छात्र आंदोलन के दौरान घायल हुए प्रदर्शनकारियों को पुनर्वास, इलाज और सरकारी मान्यता दी जानी चाहिए।
शनिवार को छात्र मोहम्मद यूनुस के सरकारी गेस्ट हाउस पर जमा हुए। यहां छात्रों को रोके जाने पर वे रविवार को धरने पर बैठ गए। छात्रों का कहना है कि यह सरकार मारे गए छात्रों के खून से बनी है। छात्रों ने कहा कि वे लिखित आश्वासन के बिना पीछे नहीं हटेंगे। छात्रों का कहना है कि इस अंतरिम सरकार में भी तानाशाहों को मौका मिल रहा है। छात्रों का यह भी कहना है कि वे अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी बनाएंगे। यूनुस ने दावा किया कि उन्होंने सुधारों के लिए आयोग बनाए हैं। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई में तेजी लाई जाएगी।
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