भारत के रक्षा बजट के मुकाबले चीन का डिफेंस बजट 3 गुना ज्यादा है। भारत का रक्षा बजट 79 अरब डॉलर है। डिफेंस एक्सपर्ट का कहना है कि चीन का वास्तविक डिफेंस खर्च बताए गए बजट से 40-50% ज्यादा है।
नई दिल्ली। अमेरिका से तनातनी के बीच चीन ने बुधवार को अपना सालाना रक्षा बजट में 7.2 फीसदी की बढ़ोतरी की। इसके बाद से चीन का रक्षा बजट 1.78 ट्रिलियन युआन यानी लगभग 249 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। भारत के रक्षा बजट के मुकाबले यह 3 गुना ज्यादा है। भारत का रक्षा बजट 79 अरब डॉलर है। डिफेंस एक्सपर्ट का कहना है कि चीन का वास्तविक डिफेंस खर्च बताए गए बजट से 40-50% ज्यादा है। वह उसे कम करके दिखाता है।
दुनिया में सबसे ज्यादा सेना पर खर्चा अमेरिका करता है। अमेरिका का रक्षा बजट 950 अरब डॉलर के करीब है, जो चीन के डिफेंस बजट से 4 गुना से भी अधिक है। चीन अपनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को लगातार हाइटेक कर रखा है, ताकि वह ताईवान में बाहरी हस्तक्षेप को रोक सके। भारत का डिफेंस बजट GDP का महज 1.9% है। विशेषज्ञों की माने तो भारत को चीन और पाकिस्तान को रोकने के लिए कम से कम अपने जीडीपी का 2.5% रक्षा पर खर्च करना चाहिए।
भारत अपने डिफेंस बजट का 75 फीसदी खर्चा सेना की सैलरी और पेंशन पर कर देता है। सेना को हाइटेक बनाने के लिए उसके पास सिर्फ 25% ही बचता है। भारत के पास अभी 234 सैन्य विमानों की कमी है। भारत के पास 14 लाख सैनिक हैं जबकि चीन के पास 20 लाख। अटैक हेलिकॉप्टर भारत के पास सिर्फ 36 है जबकि चीन के पास 281 .पनडुब्बी भारत के पास 18 है जबकि चीन के पास 78 .चीन के पास 600 से अधिक ऑपरेशनल न्यूक्लियर वॉर-हेड है, जो जल्द ही 1,000 के पार चली जाएगी।