नई दिल्ली। अमेरिका ने यमन के रास इस्सा तेल बंदरगाह पर हवाई हमला कर कम से कम 38 हूती विद्रोहियों को मौत के घाट उतार दिया है। हमले का दावा हूती चरमपंथियों से जुड़े मीडिया रिपोर्ट में की गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार हमले में 100 से अधिक हूती विद्रोही गंभीर रूप से घायल हो गये है। वहीं अमेरिकी सेना के ‘सेन्ट्रल कमांड’ ने भी हमले की पुष्टि की है। अमेरिकी सेना के अनुसार यह हमला ट्रंप सरकार द्वारा हूती विद्रोहियों के खिलाफ 15 मार्च से शुरू किए गए ऑपरेशन का हिस्सा है।
हमले के बाद हूती विद्रोहियों के समाचार चैनल द्वारा जारी ग्राफिक फुटेज में घटनास्थल पर कई शव बिखरे नजर आ रहे हैं। वहीं हमले का कारण बताते हुए अमेरिकी सेना की ‘सेंट्रल कमांड’ ने कहा कि ‘अमेरिकी सेना ने ईरान समर्थित हूती आतंकवादियों के लिए ईंधन स्रोत को खत्म करने और उन्हें अवैध कमाई से रोकने के लिए यह कार्रवाई की है। अमेरिकी सेना के अनुसार 10 साल से अधिक समय से हूती विद्रोहियों के लिए यह आय का बड़ा श्रोत रहा है। हमले का मकसद किसी भी तरह से आम लोगों को नुकसान पहुंचना नहीं था।
इजरायल और फिलिस्तीन युद्ध शुरू होने के बाद हूती विद्रोहियों ने लगातार मालवाहक जहाजों को अपना निशाना बनाया है। ड्रोन और मिसाइल हमलो से कई जहाजों को निशाना बना रहे थे। हालाँकि गाजा में दो महीनों के लिए हुए युद्धविराम के दौरान हूती विद्रोहियों ने भी हमले रोक दिए थे।
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प के सत्ता में वापसी के साथ ही हूती विद्रोहियों पर कार्रवाई तेज हो गई है। मार्च महीने में दो दिन तक चले हमलों में 50 हूती विद्रोहियों की मौत हो गयी थी। अमेरिकी सेना की सेन्ट्रल कमांड पूरे ऑपरेशन का नेतृत्व कर रही है।
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