नई दिल्ली: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में भारत का नाम यूक्रेन के साथ शांति वार्ता के मध्यस्थ के रूप में सुझाया था। पुतिन के इस बयान के बाद, भारत को कई देशों की तरफ से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। यूक्रेन भी भारत से बहुत उम्मीदें रखता है और राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भारत से अगली शांति समिट की मेज़बानी की पेशकश की है।
भारत में यूक्रेन के राजदूत ओलेक्सांद्र पोलिशचुक ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में भारत के प्रति अपनी उम्मीदों का इज़हार किया। उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शांति वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए बातचीत की होगी।”
पोलिशचुक ने कहा कि अगली शांति शिखर सम्मेलन में परमाणु सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना बेहद ज़रूरी है। उन्होंने आशा जताई कि भारत वरिष्ठ स्तर पर इस शिखर सम्मेलन में भाग लेगा और महत्वपूर्ण योगदान देगा।
ओलेक्सांद्र पोलिशचुक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, “हमें खुशी होगी अगर पीएम मोदी अगले शिखर सम्मेलन में भाग लेकर चर्चाओं में योगदान दें। दुनियाभर में उनकी आवाज़ को बहुत सम्मान मिलता है।”
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने 8 सितंबर को कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के समाधान में भारत और चीन की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। मेलोनी ने फ्रांस 24 से बातचीत में कहा, “मेरा मानना है कि संघर्ष के समाधान में भारत और चीन की भूमिका होनी चाहिए। हमें यूक्रेन को अकेला छोड़कर समाधान की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।”
भारत की भूमिका को लेकर चल रहे इन चर्चाओं और प्रशंसा से यह स्पष्ट है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति और उसकी भूमिका को लेकर काफी उम्मीदें हैं।
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