डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति की कुर्सी संभालने के बाद अमेरिका और यूरोपीय यूनियन कई मुद्दों पर आमने-सामने आ गए हैं। इस बीच EC का ये फैसला अमेरिका के लिए बड़े झटके की तरह है। खुद को पूरी दुनिया का दादा समझने वाला अमेरिका अभी तक...
नई दिल्ली। लंबे समय तक अमेरिका सबसे करीबी सहयोगी रहे यूरोपीय यूनियन के देश अब अपनी रक्षा के लिए बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं। यूरोपीय यूनियन (EU) के सदस्य देश अब 160 अरब डॉलर का डिफेंस फंड बनाने जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस फंड के जरिए अब यूरोपीय यूनियन अपनी सुरक्षा खुद करेगा और वो अमेरिका से निर्भरता कम करेगा।
मालूम हो कि डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति की कुर्सी संभालने के बाद अमेरिका और यूरोपीय यूनियन कई मुद्दों पर आमने-सामने आ गए हैं। इस बीच EC का ये फैसला अमेरिका के लिए बड़े झटके की तरह है। खुद को पूरी दुनिया का दादा समझने वाला अमेरिका अभी तक यूरोपीय यूनियन की सुरक्षा करने का दावा करता फिरता था।
बता दें कि हाल के दिनों में अमेरिका की ओर से ऐसे कई कदम उठाए गए हैं, जिसकी से अब यूरोप अमेरिका पर अपनी सुरक्षा निर्भरता कम करना चाहता है। ट्रम्प कई बार कह चुके हैं कि अमेरिका को नाटो से अलग हो जाना चाहिए। पिछले दिनों व्हाइट हाउस में ट्रम्प और जेलेंस्की के बीच हुई तीखी बहस के बाद यूरोपीय यूनियन की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर ने यूरोप को तुरंत हथियारबंद करने की बात कही थी।
डेर ने कहा था कि हमें डिफेंस निवेश को और ज्यादा बढ़ाना होगा। यह यूरोपीय यूनियन की सुरक्षा के लिए बेहद ही जरूरी है। हमें अब सबसे खराब हालात के लिए तैयार होना पड़ेगा। गौरतलब है कि इससे पहले EU यूक्रेन की मदद के लिए 54 अरब डॉलर के बॉन्ड को जारी कर चुका है।
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