2008 के मुंबई हमलों के दोषी तहव्वुर राणा ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में कहा था कि वो इस वक्त कई बीमारियों से पीड़ित है। कोर्ट ने अगर उसका प्रत्यर्पण नहीं रोका तो फिर वह भारत में सर्वाइव नहीं कर पाएगा। राणा ने कहा कि...
नई दिल्ली। अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने 2008 के मुंबई हमलों के दोषी तहव्वुर राणा को बड़ा झटका दिया है। अदालत ने तहव्वुर के भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। बता दें कि तहव्वुर ने भारत भेजे जाने से बचने के लिए यह याचिका दायर की थी। उसने कहा था कि वो एक पाकिस्तानी मूल का मुस्लिम है और भारत जाने पर उसकी जान को खतरा पैदा हो सकता है। तहव्वुर ने कहा कि पाकिस्तानी मुसलमान होने के कारण उसे भारत में काफी ज्यादा प्रताड़ित किया जाएगा।
तहव्वुर राणा ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में कहा था कि वो इस वक्त कई बीमारियों से पीड़ित है। कोर्ट ने अगर उसका प्रत्यर्पण नहीं रोका तो फिर वह भारत में सर्वाइव नहीं कर पाएगा। राणा ने कहा कि उसके भारत प्रत्यर्पण पर तुरंत इमरजेंसी स्टे लगाया जाना चाहिए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की जज एलेना कगान ने पाकिस्तानी आतंकी की दलील को नहीं माना है और उसकी याचिका खारिज कर दी है।
बता दें कि तहव्वुर राणा को साल 2009 में अमेरिकी एजेंसी एफबीआई ने गिरफ्तार किया था। राणा पर आरोप था कि उसने अमेरिका में लश्कर-ए-तैयबा का समर्थन किया है। इस मामले में उसे बाद में दोषी भी ठहराया गया था। फिलहाल राणा लॉस एंजिल्स की एक जेल में बंद है। गौरतलब है कि मुंबई हमले की 405 पन्नों की चार्जशीट में भी तहव्वुर राणा आरोपी बनाया गया है। चार्जशीट के मुताबिक राणा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य है। उसने 2008 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली की मदद की थी।