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शेख हसीना को लगा बड़ा झटका… बांग्लादेश में आवामी लीग पर बैन, अंतरिम सरकार ने लिया बड़ा फैसला

Awami League Ban: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की आवामी लीग पार्टी को आधिकारिक तौर पर प्रतिबंधित कर दिया है. यह कदम मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार द्वारा उठाया गया. जिसने दो दिन पहले ही आतंकवाद विरोधी कानून के तहत पार्टी की सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी थी. इस फैसले ने बांग्लादेश की राजनीति में हलचल मचा दी है और शेख हसीना के लिए यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है.

Sheikh Hasina
inkhbar News
  • Last Updated: May 13, 2025 20:30:27 IST

Awami League Ban: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की आवामी लीग पार्टी को आधिकारिक तौर पर प्रतिबंधित कर दिया है. यह कदम मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार द्वारा उठाया गया. जिसने दो दिन पहले ही आतंकवाद विरोधी कानून के तहत पार्टी की सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी थी. इस फैसले ने बांग्लादेश की राजनीति में हलचल मचा दी है और शेख हसीना के लिए यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है.

आवामी लीग पर प्रतिबंध

13 मई 2025 को गृह सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जहांगीर आलम ने एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि इस संबंध में एक गजट अधिसूचना जारी की गई है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद विरोधी अधिनियम 2025 की धारा 18 के तहत आवामी लीग और इसके संबद्ध संगठनों पर प्रतिबंध लगाया गया है. यह प्रतिबंध तब तक प्रभावी रहेगा. जब तक अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) में पार्टी और इसके नेताओं के खिलाफ चल रहे मुकदमों का निपटारा नहीं हो जाता.

अधिकारी ने कहा सरकार के पास पर्याप्त सबूत हैं कि आवामी लीग और इसके सहयोगी संगठन विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं. जिनका उद्देश्य राज्य को अस्थिर करना और जनता में भय फैलाना है. इस अधिसूचना में पार्टी की सभी गतिविधियां, जैसे प्रचार, सोशल मीडिया पोस्ट, रैलियां और सम्मेलन, पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई हैं.

आवामी लीग का पंजीकरण रद्द- चुनाव लड़ने पर रोक

बांग्लादेश के चुनाव आयोग (EC) ने भी आवामी लीग को बड़ा झटका देते हुए उसका पंजीकरण निलंबित कर दिया है. इस कदम ने पार्टी को आगामी आम चुनावों में भाग लेने से अयोग्य कर दिया है जो दिसंबर 2025 से जून 2026 के बीच होने की संभावना है. चुनाव आयोग के सचिव अख्तर अहमद ने कहा गृह मंत्रालय की अधिसूचना के बाद हमने आवामी लीग का पंजीकरण निलंबित करने का निर्णय लिया है.

मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) एएमएम नासिर उद्दीन ने दो दिन पहले संवाददाताओं से कहा हमें वर्तमान बांग्लादेश की भावना के साथ चलना होगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि गजट अधिसूचना मिलने के बाद ही यह फैसला लिया गया ताकि कानूनी प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित हो.

प्रतिबंध के पीछे का कारण

आवामी लीग पर प्रतिबंध का मुख्य कारण जुलाई 2024 के छात्र आंदोलन के दौरान हुई हिंसा और प्रदर्शनकारियों की मौतें हैं. संयुक्त राष्ट्र की एक फरवरी 2025 की रिपोर्ट के अनुसार लगभग 1,400 लोग इस अवधि में मारे गए. जिनमें से कई की मौत पुलिस की गोलीबारी या आवामी लीग समर्थकों के हमलों में हुई.

इन घटनाओं के लिए शेख हसीना और उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर हत्याओं, मानवाधिकार उल्लंघन, भ्रष्टाचार और जबरन गायब करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं. अंतरिम सरकार ने ICT कानून में संशोधन कर किसी भी राजनीतिक दल या संगठन को सामूहिक रूप से मुकदमे में शामिल करने का प्रावधान जोड़ा जिससे आवामी लीग के खिलाफ कार्रवाई का रास्ता साफ हुआ.

जनता और छात्रों का दबाव

यह फैसला नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) और अन्य छात्र संगठनों के लगातार प्रदर्शनों के बाद आया जिन्होंने ढाका में शाहबाग और यूनुस के आधिकारिक आवास जमुना के बाहर धरना दिया. NCP के नेता हसनत अब्दुल्लाह ने प्रदर्शनकारियों से कहा जब तक आवामी लीग पर प्रतिबंध की घोषणा नहीं होती हम सड़कों से नहीं हटेंगे. इन प्रदर्शनों में जमात-ए-इस्लामी और अन्य दक्षिणपंथी समूह भी शामिल हुए. जिन्होंने पार्टी को आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग की.

आवामी लीग का जवाब

आवामी लीग ने इस फैसले को गैर-कानूनी करार दिया है. पार्टी ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर लिखा गैर-कानूनी सरकार के सभी फैसले गैर-कानूनी हैं. हालांकि शेख हसीना के अगस्त 2024 में भारत में निर्वासन के बाद से पार्टी के अधिकांश नेता या तो जेल में हैं या विदेश भाग गए हैं.

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