रूस और यूक्रेन में पिछले तीन साल से चल रही जंग अब निर्णायक दौर में पहुंच गई है. रूस के जिस कुर्स्क इलाके पर कब्जा करके यूक्रेन मोलभाव करने को सोच रहा था उस पर अब रूसी सेना ने घात लगाकर धावा बोल दिया है और 10 हजार यूक्रेनी सैनिकों को घेर लिया है. ट्रंप की माने तो पूरे यूक्रेन का अस्तित्व खतरे में है.
रूस और यूक्रेन में पिछले तीन साल से चल रही जंग अब निर्णायक दौर में पहुंच गई है. डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा अमेरीकी राष्ट्रपति बनने के बाद पूरा माहौल बदल गया है और ट्रंप ने यूक्रेन की पीठ से अपना हाथ खींच लिया है. ट्रंप की माने तो पूरे यूक्रेन का अस्तित्व खतरे में है. अब खबर आ रही है कि रूस के जिस कुर्स्क क्षेत्र पर कब्जा करके यूक्रेन मोलभाव करने की सोच रहा था उस पर रूसी सेना ने धावा बोल दिया है. उस क्षेत्र में 10 हजार यूक्रेनी सैनिक हैं जिन्हें रूसी सेना ने घेर लिया है.
जानकारी के मुताबिक रूस के कुर्स्क इलाके पर यूक्रेनी सैनिकों ने इसलिए कब्जा जमाया था कि इसी के जरिए वार्ता के दौरान रूस से मोलभाव किया जाएगा. 2014 और 2022 दोनों जंग में रूस ने यूक्रेन उसकी जमीन छीनी और उसके 18 फीसद भू भाग पर कब्जा कर लिया है. यूक्रेन ने हिम्मत दिखाई और बदले में उसने अगस्त में रूस के कुर्स्क इलाके पर कब्जा कर लिया. यूक्रेनी सेना ने 1,000 वर्ग किलोमीटर यानी कि लगभग 386 वर्ग मील क्षेत्र कब्जा लिया जिसमें रणनीतिक शहर सुदजा भी शामिल है. यूक्रेन ने जिस समय यह काम किया उसका दुस्साहस माना गया क्योंकि दूसरे विश्व युद्ध के बाद यह रूसी सरजमीं पर सबसे बड़ा हमला था.
जब से अमेरिका ने यूक्रेन से अपना हाथ खींचा है यूक्रेन को खुफिया जानकारी मिलनी बंद हो गई है.रूसी विशेष बल कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेनी इकाइयों पर पीछे से हमला करने के लिए एक गैस पाइपलाइन के अंदर कई किलोमीटर पैदल चल कर पहुंच गये हैं. रूसी बल पाइपलाइन के अंदर लगभग 15 किलोमीटर तक चले, जिसका उपयोग मॉस्को हाल के दिनों तक यूरोप को गैस भेजने के लिए करता था. यूक्रेन को यह नहीं पता चल पा रहा है कि रूसी सेना कहां तक पहुंची है और कैसे हमले का जवाब देना है। यूक्रेन को उम्मीद थी कि रूस के साथ बातचीत के दौरान कुर्स्क का इस्तेमाल मोलभाव के लिए किया जाएगा.
एक रिपोर्ट के अनुसार 24 फरवरी 2022 को जंग छिड़ने के बाद यूक्रेन की 11 फीसदी जमीन रूस के कब्जे में चली गई है. अगर साल 2014 में खोई जमीन को भी जोड़ लें तो रूस यूक्रेन के 18 फीसदी भूभाग पर कब्जा कर चुका है. 2014 में रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया पर कब्जा कर लिया. उसी साल यूक्रेन के शहर डोनबास पर रूस समर्थित अलगाववादियों का कब्जा हुआ.
उधर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को एक इंटरव्यू में कहा कि यूक्रेन का अस्तित्व शायद ही बचे। फॉक्स न्यूज चैनल के कार्यक्रम “संडे मॉर्निंग फ्यूचर्स” में डोनाल्ड ट्रंप से पूछा गया कि पोलैंड के प्रेसिडेंट आंद्रेज डूडा ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका ने यूक्रेन की मदद बंद कर दी, तो उसका अस्तित्व खत्म हो जाएगा. इस पर उन्होंने जवाब दिया कि वह वैसे भी नहीं बचेगा.
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