नई दिल्ली: मिडिल ईस्ट में जारी तनाव और युद्ध पर दुनिया भर की नजरें टिकी हुई हैं और इस माहौल में तीसरे विश्व युद्ध की आशंका ने जोर पकड़ लिया है। वहीं इस दौरान कई एस्ट्रोलॉजर्स इस विषय पर अपनी भविष्यवाणियों के साथ सामने आ रहे हैं, जिनमें ब्राजील के एस्ट्रोलॉजर अथोस सलोम का नाम खूब चर्चा में है। बता दें सलोम को ‘लिविंग नास्त्रेदमस’ के रूप में जाना जाता है और उनकी भविष्यवाणियां पहले भी काफी हद तक सही साबित हुई हैं। चाहे फिर वह कोरोना को लेकर की गई भविष्यवाणी हो या फिर एलन मस्क का एक्स अकाउंट।
हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में सलोम ने बताया कि तीसरा विश्व युद्ध इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स (EMP) तकनीक के बढ़ते उपयोग के कारण हो सकता है। उन्होंने कहा कि प्रमुख राष्ट्र जैसे अमेरिका, रूस, चीन और उत्तर कोरिया, इस तकनीक का उपयोग करके तकनीकी व्यवधान पैदा कर सकते हैं, जिससे यह संघर्ष एक वास्तविक युद्ध में बदल सकता है।
सलोम का मानना है कि आने वाले समय में ईरान और इजरायल दोनों ही अपने सैन्य रणनीतियों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का व्यापक उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने चेताया कि अगर AI का गलत इस्तेमाल हुआ, तो यह संघर्ष को और बढ़ा सकता है और दुनिया को एक बड़े युद्ध के कारण बन सकता है।
EMP तकनीक के संदर्भ में, सलोम ने कहा कि यह तकनीक युद्ध के दौरान समाज को पूरी तरह ठप कर सकती है। EMP का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को निष्क्रिय करने के लिए किया जाता है, जो समाज में अराजकता फैला सकता है। इसका प्रभाव तीन दिनों के अंधकार के रूप में हो सकता है, जिससे देशों का बुनियादी ढांचा ठप हो सकता है।
इसके साथ ही सलोम ने अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव को लेकर भी चेतावनी दी है। उन्होंने दक्षिण चीन सागर को एक अस्थिर क्षेत्र बताया, जहां पहले से ही सैन्य और क्षेत्रीय तनाव मौजूद हैं। आगे उन्होंने कहा कि साइबर हमलों के जरिए किसी देश की सुरक्षा प्रणाली को निशाना बनाया जा सकता है, जिससे युद्ध भड़क सकता है। इसके अलावा, चीन और रूस के बीच बढ़ती साझेदारी को भी एक होने वाले वैश्विक संघर्ष का कारण बताया। वहीं अब यह देखना होगा कि भविष्य में क्या ये भविष्यवाणी सच साबित होती है या नहीं।
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