PM मोदी दो दिन के अमेरीकी दौरे पर हैं, इस दौरान उनकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कई जटिल मुद्दों इंडो पैसिफिक क्षेत्र में चीन की चुनौती, टैरिफ, तकनीक, व्यापार, रक्षा और ऊर्जा को लेकर बात होने की संभावना है. स्टारलिंक ब्रॉडबैंड की भारत में लॉचिंग को लेकर पीएम की एलन मस्क से भी बात हो सकती है. इसमें सबसे बड़ा पेंच यह है कि स्पेक्ट्रम आवंटन पर उद्योगपति एलन मस्क और मुकेश अंबानी में जबरदस्त टकराव है.
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के अमेरीकी दौरे पर पहुंचे हैं. इससे पहले वह फ्रांस की तीन दिवसीय यात्रा पर थे और वहीं से अमेरिका को साधने की कोशिश कर रहे थे. पीएम मोदी की डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में यह पहली अमेरिका यात्रा जिसको लेकर पीएम मोदी ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल में हमने भारत-अमेरिका संबंधों को एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर तक पहुंचाया, अब इस सहयोग को और आगे बढ़ाने पर काम करेंगे. डोनाल्ड ट्रंप से मिलने के लिए बेहत उत्सुक हूं. माना जा रहा है कि इस दौरे में इंडो पैसिफिक क्षेत्र में चीन की चुनौती, टैरिफ, तकनीक, व्यापार, रक्षा, ऊर्जा और सप्लाई चेन को लेकर बात होगी.
ट्रंप ने कभी कहा था कि पीएम मोदी बहुत अच्छी बार्गेनिंग करते हैं लिहाजा देखना होगा कि पीएम इस दौरे से क्या लेकर लौटते हैं. एक मुद्दा ऐसा है जिसे सुलझाने में पीएम को दिक्कत हो सकती है. इस दौरान पीएम मोदी ट्रंप के नजदीकी उद्योगपति एलन मस्क से भी मिल सकते हैं जिसमें स्टारलिंक ब्रॉडबैंड को भारत लाने पर बात हो सकती है. स्टारलिंक ब्रॉडबैंड की भारत में लॉचिंग लंबे समय से टल रही है. इसमें भारत सरकार की तरफ से जहां सुरक्षा को लेकर सवाल हैं वहीं मुकेश अंबानी से टकराव भी है क्योंकि मुकेश अंबानी ने भी इस क्षेत्र में भारी निवेश कर रखा है.
पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात से पहले अमेरिका के सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज में भारत और उभरते एशिया अर्थशास्त्र के अध्यक्ष रिचर्ड रोसो ने कहा है कि भारत और अमेरिका दोनों जानते हैं कि चीन इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में कितनी बड़ी चुनौती बनकर उभर रहा है. टेक्नोलॉजी के लिए चीन पर निर्भर नहीं हो सकते हैं. रोसो के मुताबिक दोनों देशों के लिए चीन चुनौती तो है लेकिन चिंताएं थोड़ी अलग है, भारत के लिए मुख्य चिंता उसकी सीमा और हिंद महासागर क्षेत्र है, जबकि अमेरिका के लिए ताइवान स्ट्रेट, दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर ज्यादा अहम हैं.
पीएम मोदी भारत में ज्यादा से ज्यादा निवेश चाहते हैं लिहाजा यह देखना होगा कि वार्ता के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप भारत में उत्पादन निवेश को बढ़ाने के लिए हाथ बढ़ाते हैं या अमेरिका में ही निवेश लाने पर जोर देते हैं. इसमे कोई दो राय नहीं कि अमेरिका और भारत के व्यापारिक संबंध अच्छे हैं, लेकिन ट्रंप के पिछले कार्यकाल में व्यापार को लेकर कुछ दिक्कतें भी थी. ट्रंप ने पहले ही ऐलान कर रखा है कि वह टैरिफ के मामले में किसी को नहीं बख्शेंगे, यह बात अलग है कि भारत के लिए उन्होंने अभी तक बातचीत का रास्ता खुला रखा है.
पीएम मोदी के इस दौरे का एक बड़ा मकसद व्यापार है, इसके लिए वह वहां के उद्योगपतियों-व्यवसायियों से मिल सकते हैं जिसमें ट्रंप के सबसे नजदीकी उद्योगपति एलन मस्क भी हैं. वह टेस्ला जैसी कंपनी के मालिक हैं और भारत में निवेश के इच्छुक भी लेकिन मस्क के स्टारलिंक ब्रॉडबैंड का मामला अभी तक अटका हुआ है. सुरक्षा चिंताओं के अलावा मुकेश अंबानी को मिल रही चुनौती सबसे बड़ा पेंच है.
अंबानी को लगता है कि स्टारलिंक ब्रॉडबैंड सर्विसेज के लांच होने से उन्हें नुकसान हो सकता है. एयरवेव पर वह 19 अरब डॉलर लगा चुके हैं. मस्क चाहते हैं कि स्पेक्ट्रम की नीलामी की बजाय बंटवारा होना चाहिए जिस पर काफी हद तक सरकार सहमत है लेकिन स्टारलिंक के लाइसेंस अप्लीकेशन को अभी तक हरी झंडी नहीं दी है. स्टारलिंक एक ग्लोबल ब्रॉडबैंड नेटवर्क है, जो दूर-दराज के क्षेत्रों तक बिना तार, केबल और मोबाइल टावर के हाई स्पीड इंटरनेट और कॉलिंग की सुविधा देता है. एलन मस्क की कंपनी SpaceX स्टारलिंक का संचालन करती है जिसकी स्थापना साल 2002 में हुई थी. भारी बारिश और खराब मौसम में भी यह बेहतर काम करता है और 36 देशों में इसकी सेवाएं हैं.
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