नई दिल्ली। भीख मांगने को मजबूर पाकिस्तान के सामने मोदी सरकार ने एक और बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। भारत ने कहा है कि वो पाकिस्तान के साथ सिंधु जल को लेकर हुए पुराने समझौते में बदलाव चाहता है। भारत का कहना है कि दोनों देशों के बीच नदियों के पानी के बंटवारे के समझौते के बाद से बहुत कुछ बदला है। इस वजह से इसमें बदलाव की जरूरत है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले महीने की 30 तारीख को भारत ने जल समझौते में समीक्षा और संसोधन को लेकर पाकिस्तान को नोटिस भेजा है। संधि के अनुच्छेद XII (3) के अनुसार दोनों सरकारें समय-समय पर बातचीत के जरिए संसोधन कर सकते हैं। पाकिस्तान बरसों से भारत के पानी से अपनी प्यास बुझा रहा है। भारत ने भेजे गए नोटिस में ये भी कहा है कि 1960 से यह जलसंधि एक तरफ़ा चली आ रही है, इसलिए इसमें मूल्यांकन की जरूरत है।
भारत ने अपने नोटिस में यह भी जिक्र किया है कि पाकिस्तान की तरफ से आतंकवादी गतिविधि लगातार जारी है। ऐसे में पाकिस्तान अब भारत की उदारता का अनुचित लाभ नहीं उठा पायेगा। साथ ही भारत की जनसंख्या बढ़ रही है। खेती के तरीके में बदलाव किए गए हैं। इन परिस्थितियों में इस समझौते पर फिर से विचार जरूरी हो गया। बता दें कि भारत -पाकिस्तान ने 19 सितंबर, 1960 को सिंधु जल समझौते पर हस्ताक्षर किया था। इसमें सिंधु नदी में जुड़ी सहायक नदियों के पानी के बंटवारे को लेकर कुछ नियम बनाये गए थे।
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