नई दिल्ली। पाकिस्तान की शहबाज सरकार को अमेरिका से बड़ा झटका लगा है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ उनका कड़ा रुख बरकरार है। अमेरिका ने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोजेक्ट में चीनी मदद पर रोक लगा दी है। जिन चीनी संस्थानों पर रोक लगाई गई है, वे पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम की आपूर्ति में शामिल बताए जा रहे हैं। फिलहाल अमेरिका के इस फैसले पर पाकिस्तान की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
अमेरिकी विदेश विभाग ने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोजेक्ट और तकनीक के प्रसार में शामिल पांच चीनी कंपनियों और एक व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की है। अमेरिकी विदेश विभाग के आदेश के मुताबिक, बीजिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑटोमेशन फॉर मशीन बिल्डिंग इंडस्ट्री (RIAMB) का खास तौर पर नाम लिया गया है। यह कंपनी सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसारकों और उनकी डिलीवरी के साधनों पर काम करती है।
विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि RIAMB ने शाहीन-3 और अबाबिल सिस्टम से जुड़े उपकरणों में पाकिस्तान की मदद की है इसके साथ ही पाकिस्तान स्थित इनोवेटिव इक्विपमेंट के साथ चीनी कंपनियों हुबेई हुआचांगडा इंटेलिजेंट इक्विपमेंट कंपनी, यूनिवर्सल एंटरप्राइज और शीआन लोंगडे टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट कंपनी पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस प्रतिबंध में एक चीनी नागरिक को भी शामिल किया गया है, इस व्यक्ति पर चीन को उपकरण सप्लाई करने में मदद करने का आरोप है।
चीन ने अमेरिका द्वारा लगाए गए इन प्रतिबंधों का विरोध किया है। अमेरिका में चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने कहा, ‘चीन इस तरह के एकतरफा प्रतिबंधों का कड़ा विरोध करता है। बीजिंग हमेशा चीनी कंपनियों और लोगों के हितों की मजबूती से रक्षा करेगा।’
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