शुक्रवार को पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) प्रांत के नौशेरा जिले (Nowshera) में एक मस्जिद के अंदर आत्मघाती बम विस्फोट की खबर मिली। स्थानीय पुलिस ने बताया कि कई लोग मारे गए और घायल हुए हैं
नई दिल्ली: नौशहरा जिले के दारुल उलूम हक्कानिया मदरसे में शुक्रवार को एक भीषण आत्मघाती विस्फोट हुआ। इस हमले में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-समी (JUI-S) के प्रमुख मौलाना हमीदुल हक हक्कानी समेत चार लोगों की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। शुरुआती जांच में इस हमले के पीछे इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है।
खैबर पख्तूनख्वा पुलिस प्रमुख जुल्फिकार हमीद के अनुसार, यह धमाका उस समय हुआ जब लोग जुमे की नमाज के लिए इकट्ठा हुए थे। इस हमले में तीन पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। शुरुआती जांच में यह संकेत मिले हैं कि मौलाना हमीदुल हक हक्कानी इस हमले का मुख्य निशाना थे।
मौलाना हमीदुल हक हक्कानी एक प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान थे और उन्होंने धार्मिक एवं राजनीतिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह 2002 से 2007 तक नेशनल असेंबली के सदस्य भी रहे थे। उनके पिता मौलाना समीउल हक की भी पूर्व में हत्या हो चुकी थी। पिछले वर्ष, मौलाना हक्कानी ने तालिबान नेताओं से धार्मिक कूटनीति के तहत बातचीत करने के लिए अफगानिस्तान का दौरा किया था। उन्होंने कहा था कि उनकी यात्रा से इस्लामाबाद और काबुल के बीच तनाव कम करने में मदद मिली थी।
#BREAKING Suicide bombing inside a mosque in Nowshera district of northwestern Khyber Pakhtunkhwa province #Pakistan several people killed and wounded, local police said pic.twitter.com/kBDwocP8St
— The South Asia Times (@thesouthasiatim) February 28, 2025
घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, और सरकार ने पेशावर समेत सभी प्रमुख अस्पतालों में आपातकाल घोषित कर दिया। खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने सभी घायलों को बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। पाकिस्तान के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने इस हमले की निंदा की और गहन जांच के आदेश दिए। गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने कहा कि आतंकवादी देश की शांति भंग करना चाहते हैं, लेकिन सरकार इस लड़ाई को मजबूती से जारी रखेगी।
इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी अभी तक किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली है। जांच एजेंसियां हमलावर के मकसद और उसके संगठन की पहचान करने में जुटी हैं। इस हमले ने धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।