नई दिल्ली: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की भारत यात्रा के दौरान, सोमवार को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत और मालदीव के प्रतिनिधियों के बीच कुल पांच समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू ने 7 अक्टूबर को हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता की। इस बैठक के बाद, दोनों नेताओं ने प्रतिनिधिमंडल स्तर पर भी चर्चा की। इस अवसर पर विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत अन्य उच्च अधिकारी भी उपस्थित थे।
1. मुद्रा विनिमय समझौता
मालदीव मौद्रिक प्राधिकरण के गवर्नर और भारत के वित्त मंत्रालय के सचिव के बीच।
2. राष्ट्रीय रक्षा और पुलिस शिक्षा सहयोग
भारत के राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय और मालदीव के कानून प्रवर्तन कॉलेज के बीच।
3. भ्रष्टाचार रोकथाम सहयोग
केंद्रीय ब्यूरो और मालदीव के भ्रष्टाचार निरोधक आयोग के बीच।
4. न्यायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम
भारतीय राष्ट्रीय न्यायिक प्राधिकरण और मालदीव के न्यायिक सेवा आयोग के बीच।
5. खेल और युवा मामलों में सहयोग
भारत और मालदीव के बीच सहयोग को रिन्यू किया गया।
दोनों नेताओं के बीच हुई वार्ता के बाद कई प्रमुख निर्णय लिए गए:
– मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा।
– मालदीव में रूपे-कार्ड और यूपीआई की शुरुआत।
– रक्षा सहयोग को बढ़ाने पर सहमति।
– समुद्री सुरक्षा पर विशेष ध्यान।
– नए कंसुलेट खोलने का निर्णय।
– भारतीय सहायता से ढांचागत निर्माण कार्यों को तेज करना।
– नए रनवे की शुरुआत।
भारत के विदेश सचिव ने कहा, “यह एक पुराना और मजबूत रिश्ता है। हमारे संबंध व्यापार, विकास, रक्षा और सुरक्षा के कई पहलुओं पर आधारित हैं।” इस यात्रा से यह स्पष्ट हुआ कि दोनों देशों के बीच की भौगोलिक निकटता और साझा चिंताएँ इन्हें एक-दूसरे के लिए और अधिक लाभकारी बनाती हैं।
हालांकि, चीन की गतिविधियों पर चर्चा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुख्य विषय द्विपक्षीय सहयोग था। यह स्पष्ट है कि भारत और मालदीव का घनिष्ठ सहयोग क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी महत्वपूर्ण है।इस तरह के करार और समझौते न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती प्रदान करेंगे, बल्कि दोनों देशों के लिए विकास और सुरक्षा के नए अवसर भी उत्पन्न करेंगे।
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