नई दिल्ली। नेपाल की राजनीति में रविवार का दिन बेहद नाटकीय रहा। कल दोपहर तक जहां शेर बहादुर देउबा के प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन CPN-Maoist सेंटर के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड बैठक से नाराज होकर बाहर चले गए। इसके बाद उन्होंने गठबंधन से अलग होने का ऐलान कर दिया। अब प्रचंड केपी शर्मा ओली की पार्टी CPN-UML के समर्थन से तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बन गए हैं।
नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने पुष्प कमल दहल को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से दी जानकारी के मुताबिक आज शाम 4 बजे दहल प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। पुष्प कमल दहल प्रचंड ने रविवार को राष्ट्रपति भंडारी को सांसदों के समर्थन वाला पत्र भी सौंप दिया। इस पत्र में प्रचंड के समर्थन में 165 सांसदों के हस्ताक्षर हैं।
बता दें कि नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने सभी राजनीतिक पार्टियों को प्रधानमंत्री पद के लिए दावा पेश करने के लिए डेडलाइन दी थी। शेर बहादुर देऊबा के साथ बातचीत सही दिशा में आगे नहीं बढ़ने पर पुष्प कमल दहल ने केपी शर्मा ओली से हाथ मिला लिया और देश के प्रधानमंत्री बन गए। नेपाल में अब प्रचंड के नेतृत्व में कई छोटे और बड़ों दलों वाली गठबंधन की सरकार शासन करेगी। जिसमें CPN-UML, CPN-माओवादी सेंटर, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी शामिल है।
नेपाल की नई गठबंधन सरकार में रोटेशन के आधार पर प्रधानमंत्री बनेंगे। प्रचंड और ओली के बीच सरकार के नेतृत्व को लेकर सहमित बन गई है। प्रचंड की मांग के मुताबिक ओली पहले मौके पर उन्हें प्रधानमंत्री बनाने के लिए राजी हो गए हैं। बता दें कि इस गठबंधन को नेपाल की संसद में 165 सांसदों का समर्थन प्राप्त है। हाल ही में हुए चुनाव में नेपाली कांग्रेस ने 275 में से 89 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं CPN-UML ने 78, CPN-Maoist ने 32 और पहली बार चुनाव लड़ रही राष्ट्रीय स्वतंत्रता पार्टी ने 20 सीटे अपने नाम की हैं। जनता समाजवादी पार्टी के खाते में 12 और जनमत पार्टी के खाते में 6 सीटें गई हैं।
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