नई दिल्ली : नेपाल का नया नेतृत्व तय हो गया है. अब नेपाल में गठबंधन की सरकार आने वाली है जहां आने वाले ढाई साल तक पुष्प कमल दहल प्रचंड देश के प्रधानमंत्री रहेंगे. आज का दिन नेपाल की राजनीति में काफी नाटकीय रहा. दोपहर तक शेर बहादुर देउबा प्रधानमंत्री बनते दिख रहे CPN-Maoist सेंटर के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड बीच में ही नाराज़ होकर चले गए. इसके बाद उन्होंने गठबंधन से अलग होने का ऐलान कर दिया. अब प्रचंड केपी शर्मा ओली की पार्टी CPN-UML का समर्थन पाकर नेपाल के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं.
राष्ट्रपति ने पुष्प कमल दहल को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त भी कर दिया है. राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार की शाम चार बने पुष्प कमल दहल पीएम पद की शपथ लेंगे. पुष्प कमल दहल ने सांसदों के समर्थन वाला पत्र राष्ट्रपति बिद्यादेवी भंडारी को सौंप भी दिया है. इसमें 165 सांसदों के हस्ताक्षर हैं.
बता दें, हिंदू बहुल आबादी वाले छोटे पड़ोसी मुल्क नेपाल की छह पार्टियां गठबंधन करने जा रही हैं. इस गठबंधन में शामिल पार्टियों ने प्रचंड को ढाई साल तक प्रधानमंत्री बनाया है. इसके बाद CPN-UML सत्ता में आएगी. गठबंधन का सार ये रहा कि पूर्व PM ओली एक बार फिर प्रधानमंत्री बनेंगे. वह ढाई साल एक पद संभालेंगे.
रविवार दोपहर को खबरें थीं कि पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने सत्ताधारी माओइस्ट सेंटर को समर्थन ना देने की बात कही है. उन्होंने गठबंधन को भी छोड़ दिया है. नेपाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे रामचंद्र ने खुद मीडिया को इस बारे में जानकारी दी थी. हालांकि प्रचंड की पार्टी ने देश में ढाई-ढाई साल तक सरकार चलाने की इच्छा जताई थी. दूसरी पार्टियों की मांग अलग थी.\
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