नई दिल्ली। लेबनान में हिजबुल्लाह मेंबर्स के पेजर यानी कम्युनिकेशन डिवाइस में मंगलवार को सिलसिलेवार ब्लास्ट हुए। इस हादसे में अब तक 11 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं 4 हजार लोग घायल बताये जा रहे हैं। हिजबुल्लाह सांसद के बेटे की भी मौत हो गई है। हादसे के बाद से चारों तरफ अफरा-तफरी मचा हुआ है। मरने वालों के आंकड़े में और वृद्धि हो सकती है। अब सवाल उठता है कि हिजबुल्लाह के लड़ाकों को कैसे निशाने पर लिया गया। इसके पीछे इजरायल की ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद का हाथ बताया जा रहा है।
दरअसल ब्लास्ट को लेकर दावा किया जा रहा है कि मोसाद ने 5 महीने पहले ही पेजर में विस्फोटक फिट कर दिया था। पूरे मामले में ताइवान की कंपनी भी लपेटे में है। न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक मोसाद ने हिजबुल्लाह के खिलाफ खुफिया ऑपरेशन के तहत पेजर में विस्फोटक फिट कराया। ताइवान की Gold Apollo नाम की कंपनी को 3 हजार पेजर का ऑर्डर मिला था। कहा जा रहा है कि लेबनान पहुँचने से पहले ही इसके साथ छेड़छाड़ हुई। कई महीने पहले ही हमले की पूरी प्लानिंग की गई थी।
स्काई न्यूज अरबिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक मोसाद ने हिजबुल्लाह के पेजर के अंदर PETN फिट कर दिया। PETN तरह का विस्फोटक होता है, इसे पेजर की बैटरी पर लगाया जाता है। बाद में पेजर्स बैटरी का तापमान बढ़ाकर विस्फोट कर दिया गया। विस्फोटक 20 ग्राम से भी कम बताया जा रहा। बता दें कि मोसाद इससे पहले भी इस तरह के घटना को अंजाम दे चुका है। साल 1996 हमास नेता याहया अयाश के फ़ोन में विस्फोटक फिट कर दिया गया था। जिसमें उसकी जान चली गई थी।
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