नई दिल्ली: गाजा में बेघर लोगों के लिए बने एक स्कूल पर इजरायल ने जबरदस्त हवाई हमला किया, जिसमें 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। इस हमले में दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। इजरायली डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने दावा किया कि उन्होंने हमास के कमांड और कंट्रोल सेंटर को निशाना बनाकर इस स्कूल पर हमला किया है।
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा की सिविल डिफेंस एजेंसी ने बताया कि सुबह की नमाज के दौरान हुए इस हमले में 100 से ज्यादा शव बरामद हुए हैं। लेकिन इनमें से 35 शव इतने ज्यादा क्षतिग्रस्त हो चुके हैं कि उनकी पहचान करना संभव नहीं है। अब तक 80 शवों की पहचान हो चुकी है, लेकिन 20 शवों की पहचान अभी भी बाकी है।
सिविल डिफेंस एजेंसी के अनुसार, 35 लोगों के शव बुरी तरह जले हुए थे, जिसके कारण उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया है। ये शव अस्पताल में प्लास्टिक की थैलियों या कंबल में लिपटे हुए पहुंचे थे। मृतकों के परिजन अपने प्रियजनों की पहचान करने के लिए निशान या किसी अन्य पहचान के आधार पर कोशिश कर रहे हैं।
इजरायली सेना ने गाजा के नुसेरात कैंप में एक मस्जिद के पास भी हमला किया, जिसमें कम से कम चार लोग मारे गए। यह हमला शुक्रवार को शिविर के पश्चिम में एक घर पर हुए हमले के बाद हुआ, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी।
इजरायली सेना ने शनिवार को कहा कि उन्होंने अल-तबीन स्कूल में एक कमांड और कंट्रोल सेंटर को निशाना बनाया, जहां हमास के आतंकवादी और कमांडर ठहरे हुए थे। इजरायल ने दावा किया कि स्कूल का इस्तेमाल हमास और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद के लिए किया जा रहा था, हालांकि उन्होंने इस दावे के समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं दिया।
गाजा में जारी इस हिंसा ने एक बार फिर इजरायल और हमास के बीच के संघर्ष को उजागर कर दिया है। स्कूलों और मस्जिदों जैसे नागरिक स्थानों पर हमले से हालात और गंभीर हो गए हैं। इस हमले ने न सिर्फ गाजा के लोगों की जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है।
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