न्यूयॉर्क: अमेरिकी राष्ट्रपति पद पर पिछले तीन दिनों से जारी घमासान के बीच आखिरकार डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन ने बाजी मार ली है. जो बाइडेन अमेरिका के अगले राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. जो बाइडेन के नाम का औपचारिक एलान हो चुका है वहीं दूसरी तरफ ट्रंप इस फैसले के खिलाफ कोर्ट का रूख कर सकते हैं. जार्जिया और पेनसेल्वानिया में बाइडेन ने राष्ट्रपति ट्रंप पर बढ़त बनायी और दोनों राज्यों के रिजल्ट आते ही जो बाइडेन का अगला अमेरिकी राष्ट्रपति बनना तय हो गया. माना जा रहा है कि इन दो राज्यों में जीत के बाद जो बाइडन के इलेक्टोरल कालेज में 284 वोट मिले हैं जबकि बहुमत साबित करने के लिए 270 वोटों की जरूरत है. गुरूवार तक लग रहा था कि अमेरिकी चुनाव फंसेगा क्योंकि जो बाइडेन के निकटतम प्रतिद्वंदी मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 214 वोट जीत चुके थे और ट्रंप और बाइडेन के बीच जीत का अंतर काफी कम था. वहीं कमला हैरिस उपराष्ट्रपति चुनी गई हैं.
जो बाइडेन की जीत के पीछे के कारणों की समीक्षा करें तो कुछ मुद्दे हैं जिनपर गौर किया जाना चाहिए. मसलन ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन जो अमेरिका में नस्लीय भेदभाव के खिलाफ चलाया गया था. इसके अलावा अमेरिका में कोरोना की वजह से जितने लोगों की मौत हुई उसने भी निश्चित तौर पर ट्रंप सरकार की छवि खराब की. इसके अलावा राष्ट्रपति ट्रंप की कार्यशैली और उनका बड़बोलापन भी उनके खिलाफ गया.
America, I’m honored that you have chosen me to lead our great country.
The work ahead of us will be hard, but I promise you this: I will be a President for all Americans — whether you voted for me or not.
I will keep the faith that you have placed in me. pic.twitter.com/moA9qhmjn8
— Joe Biden (@JoeBiden) November 7, 2020
वहीं जो बाइडेन की बात करें तो पिछले कुछ समय में डेमोक्रेटिक पार्टी के अंदर प्रगतिशील समूह की सक्रियता बढ़ने का फायदा बाइडेन को हुआ. इसके अलावा चुनाव में लिबरल-लेफ्ट समुह आपस में बंटने की बजाए एकजुट हुए जिससे डेमोक्रेटिक पार्टी को फायदा पहुंचा. एक और बड़ा फैक्टर इस चुनाव में देखने को मिला वो था लिबरल मीडिया का खुलकर प्रतिपक्ष बनना और सरकार की नीतियों के खिलाफ बोलना जिससे लोगों के मन में ट्रंप सरकार के खिलाफ धारणा बनी.
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