China Uyghur Muslims: एक उइगुर मुस्लिम महिला को चीनी सरकार ने 17 साल की सजा सुनाई है। अधिकारियों के मुताबिक उसका गुनाह यह था कि वह अपने बच्चों को और एक पड़ोसी के बच्चों को इस्लामिक तालीम दे रही थी। सरकार ने बच्चों को भी 10 से 7...
नई दिल्ली: शिनजियांग प्रांत में चीनी सरकार उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार जारी रखे हुए है। हाल ही में एक महिला को अपने बच्चों और पड़ोसी के बच्चों को इस्लामी शिक्षा देने के आरोप में 17 साल की कड़ी सजा दी गई है। चीनी अधिकारियों का कहना है कि यह अवैध धार्मिक गतिविधि थी, जिसे रोकना जरूरी था। महिला को सजा देने के साथ-साथ उसके साथ पढ़ रहे बच्चों को भी जेल की सजा सुनाई गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, शिनजियांग के कोनाशेहर काउंटी की उइगुर महिला सेलिहान रोजी अपने बेटों और एक पड़ोसी के बेटे को धार्मिक शिक्षा दे रही थी, जब अधिकारियों ने उसे पकड़ लिया। अब कोर्ट ने रोजी को 17 साल की सजा सुनाई है, जबकि उसके बेटे को 10 साल की सजा मिली है। पड़ोसी के बेटे याकुप हिदायत को भी 9 साल की सजा दी गई है।
चीनी पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इस प्रकार की धार्मिक शिक्षा देना कानून के खिलाफ है और इसे अवैध माना गया है। हालांकि, इस घटना की आलोचना भी की जा रही है। आलोचकों का कहना है कि सरकार इसे अलगाववाद और उग्रवाद से निपटने का प्रयास बता रही है, लेकिन असल में यह उइगर मुस्लिमों के धार्मिक अधिकारों पर हमला है। चीनी सरकार की उइगर मुस्लिमों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की आलोचना की जाती रही है और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन इस पर चीन से उइगरों की संस्कृति और धर्म के सम्मान की अपील करते रहे हैं। यह केवल एक घटना नहीं है, बल्कि शिनजियांग में उइगुर मुस्लिमों पर अत्याचारों के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें धार्मिक गतिविधियों पर पाबंदी और मस्जिदों को तोड़ने जैसी घटनाएं भी शामिल हैं।
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