भारत को नुकसान पहुंचाने वाले और आतंकियों को हमले के लिए फंड मुहैया कराने वाले इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर ने अब बांग्लादेश में भी बवाल मचा दिया है। प्रतिबंधित होने के बावजूद हिज्ब-उत-तहरीर ने शुक्रवार को ढाका में खुली रैली की, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। पुलिस ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने पथराव किया। इसको लेकर ढाका में बवाल मच गया।
नई दिल्ली : हिज्ब-उत-तहरीर एक अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन है, जिसकी स्थापना 1953 में यरुशलम में हुई थी। यह मुसलमानों को एकजुट करना चाहता है और पूरी दुनिया में शरिया कानून लागू करना चाहता है। इसकी गतिविधियों की वजह से यह भारत ही नहीं बल्कि बांग्लादेश में भी प्रतिबंधित है। लेकिन शुक्रवार को 2009 के बाद पहली बार इस संगठन के सदस्यों ने ढाका में खुली रैली की। उन्होंने खिलाफत मार्च निकाला। संगठन के हजारों सदस्य बैतुल मुकर्रम राष्ट्रीय मस्जिद के बाहर जमा हुए। उन्होंने सरकार को चुनौती देने की बात कही। अब सवाल यह है कि शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामी समूहों को ज्यादा छूट मिल रही है ? इस बीच iTV नेटवर्क ने इस मुद्दे पर एक सर्वे किया है।
1 ढाका में 26 साल बाद प्रतिबंधित संगठन हिज़्ब उत तहरीर ने खुलेआम रैली की.. क्या बांग्लादेश में कट्टरपंथी बेलगाम हो गए हैं ?
हां 81.00%
नहीं 07.00%
कह नहीं सकते 12.00%
2 शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामी समूहों को ज्यादा छूट मिल रही है ?
हां 88.00%
नहीं 12.00%
कह नहीं सकते 00.00%
3 क्या बांग्लादेश इस्लामिक शासन की तरफ़ बढ़ रहा है ?
हां 86.00%
नहीं 14.00%
कह नहीं सकते 00.00%
4 यूनुस से कट्टरपंथी कंट्रोल नहीं हो रहे या यूनुस की शह पर ही ये सब हो रहा है ?
यूनुस का कंट्रोल नहीं 41.00%
यूनुस कट्टरपंथियों के साथ 48.00%
कह नहीं सकते 11.00%
यह भी पढ़ें :-