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सिंगापुर में वार्ता के दौरान युद्ध पर चीन ने भारत को दिया बुध्द ज्ञान, जानिए क्या कहा

नई दिल्ली। चीन का दोहरा चरित्र एक बार फिर दुनिया के सामने आ गया है। एक तरफ भारत के साथ सीमा विवाद को लेकर पहले से ही स्थिति तनावपूर्ण है। ऊपर से चीन लद्दाख सेक्टर में आक्रामक नीतियों के चलते लगातार संघर्ष के हालात पैदा कर रहा है।दूसरी ओर चीन वैश्विक मंचों पर शांति स्थापित […]

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  • June 12, 2022 1:25 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

नई दिल्ली। चीन का दोहरा चरित्र एक बार फिर दुनिया के सामने आ गया है। एक तरफ भारत के साथ सीमा विवाद को लेकर पहले से ही स्थिति तनावपूर्ण है। ऊपर से चीन लद्दाख सेक्टर में आक्रामक नीतियों के चलते लगातार संघर्ष के हालात पैदा कर रहा है।दूसरी ओर चीन वैश्विक मंचों पर शांति स्थापित करने की बात कर रहा है।

चीन के रक्षा मंत्री ने कही ये बात

दरअसल, सिंगापुर में शांगरी-ला वार्ता के दौरान चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंघे ने कहा, भारत और चीन पड़ोसी हैं और अच्छे संबंध बनाए रखना दोनों देशों के हितों की पूर्ति करता है। उन्होंने कहा कि दोनों देश वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति स्थापित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने दक्षिण चीन सागर सहित क्षेत्रीय विवादों को सुलझाने के लिए शांतिपूर्ण तरीकों का भी आह्वान किया।

भारत के साथ हो चुकी 15 दौर की बातचीत

एलएसी पर भारतीय सैनिकों के साथ संघर्ष के सवाल पर चीनी रक्षा मंत्री ने कहा, दोनों देशों के बीच करीब 15 दौर की बातचीत हो चुकी है। हम क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं। दरअसल, उनसे पूछा गया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने दो साल पहले भारत के साथ एलएसी पर कई बिंदुओं पर यथास्थिति को बदलने के लिए एकतरफा कदम क्यों उठाया। जिसके कारण एक सैन्य संघर्ष हुआ,  45 सालों में पहली बार संघर्ष की खबरें सामने आईं। दरअसल, पिछले दिनों पैंगांग झील को लेकर भारत और चीन की सेना के बीच जबरदस्त संघर्ष हुआ था। इसके बाद से लद्दाख में स्थिति तनावपूर्ण हो गई। 

चीन को भारत ही रोक सकता है

इससे पहले शनिवार को शांगरी-ला वार्ता में अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा था, भारत की बढ़ती ताकत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता स्थापित कर सकती है। उन्होंने कहा कि अमेरिका का मानना ​​है कि भारत की बढ़ती सैन्य क्षमता और तकनीकी कौशल क्षेत्र में स्थिरता लाने वाली ताकत हो सकती है। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने मुख्य रूप से भारत का जिक्र करते हुए कहा, चीन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आक्रामक रवैया अपना रहा है और अवैध रूप से अपनी समुद्री क्षमता बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा, चीन भारत के साथ सीमा पर अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है।

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