नई दिल्ली: रूस और चीन की सेनाएं अगले दो महीनों में दूसरी बार संयुक्त सैन्य अभ्यास करने जा रही हैं। यूक्रेन पर जारी हमलों के बीच इस तरह का कदम अमेरिका और यूक्रेन दोनों के लिए चिंता का विषय बन गया है। यह अभ्यास जापान के पास ओखोटस्क सागर में आयोजित होगा, जिसकी घोषणा सोमवार को चीनी सेना ने की। इस अभ्यास में वायु सेना और नौसेना की भागीदारी होगी।
चीनी सेना के बयान के अनुसार, इस अभ्यास को ‘Northern Joint-2024’ नाम दिया गया है। इसे चीन द्वारा आयोजित किया जा रहा है, जिसमें रूस की सेना अपनी नौसेना और वायु सेना के साथ हिस्सा लेगी। यह अभ्यास चीन और रूस के बीच रणनीतिक समन्वय को गहरा करने और सुरक्षा खतरों का सामना करने की उनकी क्षमता को बढ़ाने के लिए है।
‘Northern Joint-2024’ के दौरान, दोनों देशों के नौसैनिक बेड़े प्रशांत क्षेत्र में गश्त करेंगे। इसके अलावा, रूस इसी साल ‘दयांग-2024’ नामक एक अन्य रणनीतिक अभ्यास की भी योजना बना रहा है, जिसमें भाग लेने के लिए चीनी सेना रूस जाएगी।
इस सैन्य अभ्यास ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हलचल मचा दी है, खासकर अमेरिका और उसके सहयोगियों में, जो इसे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन को प्रभावित करने वाला कदम मान रहे हैं।
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