धरती के विनाश को लेकर कई भविष्यवाणियां की जाती रही हैं, लेकिन यह कोई भविष्यवाणी नहीं है, बल्कि एक सच है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अंतरिक्ष से एक क्षुद्रग्रह, जिसका नाम 2024 YR4 है, धरती की ओर बढ़ रहा है...
नई दिल्ली: धरती के विनाश को लेकर कई भविष्यवाणियां की जाती रही हैं, लेकिन यह कोई भविष्यवाणी नहीं है, बल्कि एक सच है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अंतरिक्ष से एक क्षुद्रग्रह, जिसका नाम 2024 YR4 है, धरती की ओर बढ़ रहा है। यह क्षुद्रग्रह करीब 100 मीटर चौड़ा है और दिसंबर 2032 में यह हमारे ग्रह के बेहद करीब से गुजर सकता है, और संभावना है कि यह धरती से टकरा सकता है। इसका गति 38,000 किलोमीटर प्रति घंटा होगी और अगर यह धरती से टकराता है, तो कई शहरों को नष्ट कर देगा। इस संभावित खतरे से बचने के लिए चीन ने पहले ही अंतरिक्ष विशेषज्ञों की एक टीम तैयार करना शुरू कर दिया है।
चीन ने अंतरिक्ष इंजीनियरों की एक टीम बनाई है, जो इस क्षुद्रग्रह को पृथ्वी से दूर करने की कोशिश करेगी। शुरुआती अनुमानों के अनुसार, इसके पृथ्वी से टकराने की संभावना 1.3 प्रतिशत थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 2.3 प्रतिशत किया गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जैसे-जैसे यह क्षुद्रग्रह धरती के पास आता जाएगा, खतरा भी बढ़ेगा। अगर यह धरती से टकराता है, तो हवा में एक विशाल विस्फोट होगा, और इसके बाद करीब 80 लाख टन टीएनटी ऊर्जा निकल सकती है, जो हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए परमाणु बमों से 500 गुना ज्यादा विनाशकारी होगी। इसके प्रभाव से 50 किलोमीटर के दायरे में सबकुछ नष्ट हो जाएगा।
नासा के कैटालिना स्काई सर्वे प्रोजेक्ट के विशेषज्ञों ने पहले ही उस संभावित क्षेत्र की पहचान की है, जहां यह क्षुद्रग्रह गिर सकता है। उनके अनुसार, यह क्षुद्रग्रह उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत महासागर, दक्षिण एशिया, अरब सागर, और अफ्रीका के कुछ क्षेत्रों में गिर सकता है। इससे भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, इथियोपिया, सूडान, नाइजीरिया, वेनेजुएला, कोलंबिया, और इक्वाडोर जैसे देशों पर भी खतरा मंडरा रहा है। यानी यह भारत के किसी शहर पर भी गिर सकता है। कुछ समय पहले अपोफिस नामक एक अन्य क्षुद्रग्रह के पृथ्वी से टकराने की संभावना जताई गई थी, लेकिन बाद में इसे शून्य मान लिया गया। हालांकि, नासा और अन्य वैज्ञानिक इस पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
चीन ने इस खतरे को गंभीरता से लिया है और अंतरिक्ष विशेषज्ञों की एक विशेष टीम तैयार कर दी है, जो इस तरह के अंतरिक्ष खतरों से निपटने का रास्ता खोजेगी। इसके अलावा, चीन ने एक क्षुद्रग्रह चेतावनी नेटवर्क भी बनाया है, जो लगातार अंतरिक्ष में चल रहे खतरों पर नजर रखता है और सभी डेटा को साझा करता है।
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