Top Powerful Airforce: आज के युद्धों में जितनी ताकत जमीन पर चाहिए, उतनी ही ताकत अब आसमान में भी चाहिए। वायुसेना अब किसी भी देश की सैन्य शक्ति का निर्णायक हिस्सा बन गई है, चाहे बात सुरक्षा की हो, सामरिक हमले की हो या आपदा के समय राहत की। 2025 के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, कुल सैन्य विमानों की संख्या के आधार पर अमेरिका दुनिया में शीर्ष पर है, जबकि भारत ने चौथा स्थान हासिल कर अपनी ताकत साबित की है। आइए जानते हैं दुनिया के शीर्ष 10 देशों की हवाई ताकत की स्थिति।
इस लिस्ट में अमेरिका का पहला स्थान
अमेरिका के पास दुनिया की सबसे शक्तिशाली वायुसेना है। उसके पास कुल 14,486 सैन्य विमान हैं। इनमें वायुसेना के 5,057 विमान, थलसेना के 5,714, नौसेना के 2,438 और मरीन व अन्य इकाइयों के 1,277 विमान शामिल हैं। एफ-22 रैप्टर और एफ-35 जैसे स्टील्थ फाइटर जेट, बी-2 बॉम्बर और दुनिया भर में फैला ऑपरेशनल नेटवर्क अमेरिका को हवाई ताकत का बादशाह बनाता है।
दूसरे स्थान पर है रूस
दूसरे नंबर पर रूस आता है, जिसके पास 4,211 मिलिट्री एयरक्राफ्ट हैं। इनमें से 3,908 एयरफोर्स में और 303 नेवी में हैं। रूस की ताकत एसयू-57 जैसे सुपरसोनिक फाइटर जेट, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और भारी मारक क्षमता में दिखती है। रणनीतिक अनुभव और तकनीक का मेल रूस को एयरस्पेस में मजबूत बनाता है।
तीसरे स्थान पर है चीन
चीन 3,304 एयरक्राफ्ट के साथ तीसरे नंबर पर चीन है। इसमें एयरफोर्स के 2,010, आर्मी के 859 और नेवी के 435 एयरक्राफ्ट शामिल हैं। जे-20 स्टील्थ फाइटर और सैकड़ों ड्रोन चीन की उभरती तकनीकी ताकत को दर्शाते हैं। चीन अपनी एयरफोर्स का तेजी से आधुनिकीकरण कर रहा है।
चौथे स्थान पर है भारत
इस लिस्ट में भारत चौथे स्थान पर है और उसके पास 2,296 सैन्य विमान हैं, जिनमें से 1,776 वायु सेना, 267 सेना और 253 नौसेना के विमान हैं। भारतीय वायु सेना में सुखोई-30MKI, राफेल, मिग-29, तेजस और C-17 जैसे आधुनिक विमान शामिल हैं। स्वदेशी विनिर्माण, वायु रक्षा प्रणाली और रणनीतिक क्षमता भारत को वैश्विक वायु शक्ति बना रही है।
पांचवें स्थान पर है जापान
जापान के पास 1,459 विमान हैं, जिनमें से 750 वायु सेना के पास, 410 सेना के पास और 299 नौसेना के पास हैं। तकनीकी रूप से उन्नत जापान अमेरिका के साथ अपने रणनीतिक गठबंधन के कारण और भी अधिक शक्तिशाली हो गया है। इसका ध्यान हाई-टेक रडार, इंटरसेप्टर जेट और रक्षा एकीकरण पर है।
छठे स्थान पर आता है पाकिस्तान का नाम
पाकिस्तान के पास 1,434 सैन्य विमान हैं। इनमें वायु सेना के 843, सेना के 547 और नौसेना के 44 विमान शामिल हैं। चीन के सहयोग से जेएफ-17 थंडर जैसे लड़ाकू विमान विकसित किए गए हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद पाकिस्तान ने अपनी हवाई ताकत को संतुलित रखा है।
सातवें स्थान पर आता है दक्षिण कोरिया
दक्षिण कोरियाई वायुसेना के पास 1,171 विमान हैं। इनमें से 452 वायुसेना में, 618 थलसेना में और 72 नौसेना में तथा 29 अन्य इकाइयों में हैं। अमेरिका की मदद से दक्षिण कोरिया की रक्षा प्रणाली अत्याधुनिक है। वह एफ-35 और स्वदेशी केएफ-21 जैसे लड़ाकू विमानों पर काम कर रहा है।
आठवें स्थान पर है मिस्र
मिस्र के पास 1,080 सैन्य विमान हैं और ये सभी वायुसेना के अधीन हैं। यह अफ्रीका की सबसे बड़ी वायुसेना है। इसके पास अमेरिकी, रूसी और फ्रांसीसी तकनीक से लैस विमान हैं। हाल के वर्षों में मिस्र ने अपने सैन्य संसाधनों में उल्लेखनीय वृद्धि की है।
नौवें स्थान पर है तुर्की
तुर्की के पास 1,069 विमान हैं, जिनमें 615 वायुसेना, 406 थलसेना और 48 नौसेना के विमान शामिल हैं। नाटो का अहम सदस्य होने के कारण तुर्की को सैन्य सहायता और तकनीकी सहयोग मिलता है। वह अपने घरेलू ड्रोन और फाइटर जेट कार्यक्रम पर भी तेजी से काम कर रहा है।
दसवें स्थान पर है फ्रांस
दसवें स्थान पर फ्रांस है, जिसके पास 972 सैन्य विमान हैं। इनमें वायुसेना के 492, थलसेना के 314 और नौसेना के 166 विमान शामिल हैं। राफेल जेट, एयरबस टैंकर और परमाणु क्षमता वाले विमानों की मौजूदगी फ्रांसीसी वायुसेना को यूरोप की सबसे सक्षम सेनाओं में से एक बनाती है।
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