October 6, 2024
  • होम
  • दुनिया
  • अफगानिस्तान में मांओं की गोद में क्यों दम तोड़ रहे हैं बच्चे, 6 महीने में 700 मासूमों की दर्दनाक मौत!
अफगानिस्तान में मांओं की गोद में क्यों दम तोड़ रहे हैं बच्चे, 6 महीने में 700 मासूमों की दर्दनाक मौत!

अफगानिस्तान में मांओं की गोद में क्यों दम तोड़ रहे हैं बच्चे, 6 महीने में 700 मासूमों की दर्दनाक मौत!

  • WRITTEN BY: Anjali Singh
  • LAST UPDATED : September 10, 2024, 4:35 pm IST
  • Google News

नई दिल्ली: किसी भी मां के लिए उसके बच्चे से ज़्यादा कीमती कुछ नहीं होता, लेकिन जब उसी की आंखों के सामने उसके बच्चे की जान चली जाए, तो इससे बड़ा दुख और क्या हो सकता है? अफगानिस्तान में फिलहाल यही मंजर है। यहां माओं की गोद में ही बच्चे दम तोड़ रहे हैं। पिछले छह महीनों में यहां 700 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। आखिर क्यों बन गए हैं अफगानिस्तान में ऐसे हालात? आइए, इस दर्दनाक कहानी की जड़ तक जाते हैं।

क्यों जा रही है बच्चों की जान?

अफगानिस्तान में मासूम बच्चों की मौत का सबसे बड़ा कारण है गरीबी। यहां लोगों को पर्याप्त खाना तक नहीं मिल पा रहा है, जिसकी वजह से बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं और दम तोड़ रहे हैं। हालात इतने बेकाबू हो चुके हैं कि अस्पताल कुपोषित बच्चों से भरे पड़े हैं। यहां डॉक्टर्स भी बच्चों की जान बचाने में असफल हो रहे हैं।

32 लाख बच्चे गंभीर कुपोषण के शिकार

अफगानिस्तान में 32 लाख बच्चे गंभीर कुपोषण का सामना कर रहे हैं। ये हालात कई दशकों से चले आ रहे युद्ध, गरीबी और तीन साल पहले तालिबान के कब्जे के बाद और भी बदतर हो गए हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पतालों में 7-8 बिस्तरों पर 18-18 बच्चे लेटे हुए हैं। वहां का सन्नाटा दिल दहला देने वाला है। बच्चे इतने कमजोर हो चुके हैं कि ना तो हिल-डुल पा रहे हैं और ना ही कोई आवाज़ निकाल पा रहे हैं।

हर दिन बेमौत मर रहे हैं बच्चे

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, नंगरहार में तालिबान के पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट ने बताया कि पिछले छह महीने में 700 बच्चों की मौत हो चुकी है। यानी हर रोज़ तीन से ज़्यादा बच्चे अपनी जान गंवा रहे हैं। ये आंकड़ा दिल दहला देने वाला है। अगर इन अस्पतालों को वर्ल्ड बैंक और यूनिसेफ का फंड नहीं मिला होता, तो ये आंकड़ा और भी बढ़ सकता था।

तालिबान के कब्जे के बाद बिगड़े हालात

अगस्त 2021 तक अफगानिस्तान के लगभग सभी पब्लिक हेल्थकेयर सेंटर अंतरराष्ट्रीय फंडिंग की मदद से चल रहे थे। लेकिन तालिबान के कब्जे के बाद ये फंडिंग रोक दी गई, क्योंकि इस पर कई तरह के अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगे। नतीजतन, यहां की हेल्थकेयर सुविधाएं पूरी तरह से चौपट हो गईं। हालांकि, कुछ एजेंसियां अस्थायी तौर पर मदद पहुंचा रही हैं, लेकिन वो भी इस हालात को संभालने में नाकामयाब हो रही हैं। बच्चों की मौत का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है।

 

ये भी पढ़ें:कौन होगा दुनिया का पहला खरबपति, इस बार भारतीय हासिल कर सकते हैं ये मुकाम!

ये भी पढ़ें:जापान के पास रूस-चीन का खतरनाक खेल, अमेरिका-यूक्रेन में मची खलबली!

Tags

विज्ञापन

शॉर्ट वीडियो

विज्ञापन

लेटेस्ट खबरें

सनातनियों के हाथ से निकल रहा ये राज्य! जिस गांव में एक भी मुस्लिम नहीं वहां भी मस्जिद बना रहे कट्टरपंथी
सनातनियों के हाथ से निकल रहा ये राज्य! जिस गांव में एक भी मुस्लिम नहीं वहां भी मस्जिद बना रहे कट्टरपंथी
महिला सरपंच के निर्णय लेने से ग्रामीण हुए नाखुश, लैंगिक समानता पर उठा सवाल, जानें SC का अंतिम आदेश
महिला सरपंच के निर्णय लेने से ग्रामीण हुए नाखुश, लैंगिक समानता पर उठा सवाल, जानें SC का अंतिम आदेश
भोजपुरी गाने में फर्जी IPS वाले लड़के को मिला लीड रोल, भर-भर के बना रहा रील और वीडियो
भोजपुरी गाने में फर्जी IPS वाले लड़के को मिला लीड रोल, भर-भर के बना रहा रील और वीडियो
भोपाल में दिल दहला देने वाली घटना, 16 साल तक ससुराल में कैद रही महिला, हड्डियों का ढांचा बन गया शरीर
भोपाल में दिल दहला देने वाली घटना, 16 साल तक ससुराल में कैद रही महिला, हड्डियों का ढांचा बन गया शरीर
IPL 2025 में क्या धोनी खेलेंगे या नहीं, रिपोर्ट में आई बड़ी अपडेट!
IPL 2025 में क्या धोनी खेलेंगे या नहीं, रिपोर्ट में आई बड़ी अपडेट!
रॉल्स रॉयस के एक लकी ड्रॉ ने बनाया अरबपति! जानिए कैसे जॉय अलुक्कास बने भारत के सबसे अमीर ज्वेलर
रॉल्स रॉयस के एक लकी ड्रॉ ने बनाया अरबपति! जानिए कैसे जॉय अलुक्कास बने भारत के सबसे अमीर ज्वेलर
जनता की अदालत में केजरीवाल का बड़ा दावा, बीजेपी आई तो बंद हो जाएंगी ये सुख सुविधाएं
जनता की अदालत में केजरीवाल का बड़ा दावा, बीजेपी आई तो बंद हो जाएंगी ये सुख सुविधाएं
विज्ञापन
विज्ञापन