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सावन में तुलसी के साथ नही करे ये गलती, भोलेनाथ हो जाएंगे आप पर क्रोधित

सावन में तुलसी के साथ नही करे ये गलती, भोलेनाथ हो जाएंगे आप पर क्रोधित

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना जाता है। तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है और इसमें देवी लक्ष्मी का वास होता है।

सावन का महीना महादेव को अत्यंत प्रिय है। मान्यता है कि जो भक्त सावन में शिव को जल का लोटा चढ़ाता है, महादेव उस पर प्रसन्न होते हैं और मनचाहा फल देते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन के महीने में तुलसी के पत्ते तोड़ना वर्जित है। तो आइए जानते हैं इस नियम के पीछे का कारण।

दरअसल, सावन के महीने में भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और तुलसी माता भी विश्राम करती हैं। ऐसे में इस दौरान तुलसी को छूना या उसके पत्ते तोड़ना उनका अपमान करने के समान है।

गरुड़ पुराण के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी यानी तुलसी विवाह तक तुलसी को नहीं छूना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करना पाप है।

मान्यता है कि इस समय तुलसी माता ध्यान में लीन होती हैं और उन्हें छूना शुभ नहीं होता। सावन का महीना शिव भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।

सावन में भक्त शिवलिंग पर बेलपत्र, दूध, जल और धतूरा चढ़ाते हैं। लेकिन ये बात ध्यान रहना चाहिए की शिवलिंग पर तुलसी चढ़ाना वर्जित माना जाता है।

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