किसके 'बाप की जागीर' दिल्ली का कनॉट प्लेस?

भारत की राजधानी दिल्ली की सबसे हैपनिंग जगहों में से एक सीपी (कनॉट प्लेस) की खासियत वहां की इमारतों की बनावट है।

सफेद रंग में पुती इमारतों में कई नामी दुकानों चलती हैं, इसमें से कई पुश्तों से चली आ रही हैं और सभी किराए पर हैं।

अब सवाल ये है कि आखिर ये किराया जाता किसको है और कनॉट प्लेस की जमीन असल में किसकी जागीर है?

1929 से लेकर 1933 के बीच बनी ये जगह असल में किसी की जागीर नहीं है।

बल्कि CP को भारत सरकार की जमीन पर खड़ा किया गया है।

इस इलाके में बनी कई इमारतों का मालिकाना हक निजी हाथों में दे दिया गया था लेकिन कानूनी रूप से यहां पर भारत सरकार का ही हक है।

बता दे कि,ये किसी के 'बाप की जागीर' नही है। 1947 में भारत की आजादी के बाद, कनॉट प्लेस की ज्यादातर संपत्तियां सरकार के अधिकार में आ गई थीं।