
कृष्ण की लीला तो हम सब जानतेहैं,भारतीयआध्यात्मिक का एक ऐसा अनमोल रतन है, जो प्रेम के भिन्न आयामों को अत्यंत गहराई
और सुंदरता से दिखता है यह लीला के केंद्र में भगवान के साथ राधा और रुक्मणी दो ऐसे दिव्या है,जो प्रेम के अलग-अलग स्वरूप का प्रतिनिधित्व करती है।
जहां एक तरफ राधा का प्रेम निस्वार्थ भक्ति त्याग और अलोकी के आस्तिक का प्रतीक माना जाता है।
वहीं दूसरी तरफ रुक्मणी का प्रेम विवाह एक निष्ठा कर्तव्य वाला और लौकिक समर्पण को दर्शाता है।
इन दोनों के संबंध कृष्ण के प्रति प्रेम की विशाल और बहु आयामी प्रति को उजागर करते हैं।
कृष्ण की लीला के प्रेम में यह दोनों हमेशा से ही उनके लिए अपनी जान ने इच्छावर करते हुए आई है।
दोनों दिव्या प्राप्त प्रेम की भिन्न गहराई और अभिव्यक्तियों को दर्शाते हैं, जिसे कृष्ण का प्रेम का विराट स्वरूप उजागर होता है।